कानपुर। भारत बनाम वेस्टइंडीज के बीच तीन मैचों की सीरीज का दूसरा टी-20 रविवार को तिरुवनंतपुरम में खेला गया। इस मैच में वेस्टइंडीज ने वापसी करते हुए आठ विकेट से शानदार जीत दर्ज की। इसी के साथ मेहमानों ने सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली है। अब अंतिम मुकाबला बुधवार को मुंबई में खेला गया। आखिरी मैच जो भी टीम जीतेगी, सीरीज उसके नाम रहेगी। रविवार को तिरुवनंतपुरम के ग्रीनफील्ड स्टेडियम में खेले गए मैच में विंडीज ने टाॅस जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी का न्यौता दिया। मेजबान निर्धारित ओवर में 170 रन ही बना पाए जवाब में वेस्टइंडीज ने दो विकेट खोकर 9 गेंद शेष रहते मैच जीत लिया। आइए जानें भारत की इस हार के क्या बड़े कारण रहे...
ओपनर्स नहीं दिला पाए अच्छी शुरुआत
वेस्टइंडीज टीम में ज्यादातर खिलाड़ी बड़ी-बड़ी हिट के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में जब भारत को पहले बल्लेबाजी का मौका मिला तो टीम इंडिया को एक बड़ा टारगेट रखना था। इसकी शुरुआत ओपनर्स करते हैं मगर तिरुवनंतपुरम में भारतीय सलामी जोड़ी फ्लाॅप रही। खासतौर से हिटमैन रोहित शर्मा से काफी उम्मीद थी मगर वह एक बार फिर असफल रहे। रोहित 18 गेंदों में 15 रन बनाकर चलते बने। बता दें पहले मैच में भी रोहित सस्ते में आउट हो गए थे। वहीं केएल राहुल जिन्होंने हैदराबाद में अच्छी पारी खेली थी, मगर तिरुवनंतपुरम में सिर्फ 11 रन बना पाए। राहुल को पियरे ने हेटमाॅयर के हाथों कैच आउट करवाया।
कोहली पर लगा चेज मास्टर का ठप्पा
सलामी बल्लेबाजों के जल्दी अाउट हो जाने के बाद टीम इंडिया की जिम्मेदारी कप्तान विराट कोहली पर आ गई। कोहली ने पहले मैच में 94 रन की ताबड़तोड़ पारी खेलकर बता दिया था कि वह इस समय जबरदस्त फाॅर्म में हैं। मगर हैदराबाद में विराट जिस लय से बल्लेबाजी कर रहे थे तिरुवनंतपुरम में वैसा कुछ देखने को नहीं मिला। विराट 19 रन बनाकर विलियम्स का शिकार बने। हालांकि पहले भी देखा गया है कि विराट पहली इनिंग में बहुत कम बड़ी पारी खेलते हैं। कोहली पर चेज मास्टर का ठप्पा लग चुका है। लक्ष्य का पीछा करने की बात हो तो विराट से खतरनाक बल्लेबाज कोई नहीं, मगर पहली इनिंग में विराट को टीम को संकट से उबारना होगा।
चहल की हुई जमकर पिटाई
भारतीय बल्लेबाजों को सस्ते में समेटने में वेस्टइंडीज के रिस्ट स्पिनर्स का अहम योगदान रहा। ऐसे में सभी को लगा कि भारत के रिस्ट स्पिनर्स भी विंडीज बल्लेबाजोंं को अपनी कलाई के जादू में फंसाएंगे। मगर ऐसा हो न सका, पहले मैच में दो बड़े विकेट लेने वाले युजवेंद्र चहल की इस मैच में जमकर पिटाई हुई। वह भारत की तरफ से सबसे ज्यादा रन देने वाले गेंदबाज बने। चहल ने तीन ओवर में 12 की औसत से 36 रन दिए। चहल का न चलना भी भारत की हार की बड़ी वजह रहा।
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