समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर वी चंद्रशेखर और उनकी पत्नी को ऑस्लो में हिरासत में लिया गया। चंद्रशेखर टीसीएस कंपनी के लिए काम करते हैं।

टीसीएस ने चंद्रशेखर की गिरफ्तारी की पुष्टि की है, लेकिन इस बारे में ज्यादा कुछ बताने से इनकार किया है। लेकिन हैदराबाद में चंद्रशेखर के भतीजे वी शैलेंद्र ने कहा कि बच्चे ने अपनी क्लास टीचर को बताया कि उसके माता पिता उसे भारत भेजने की धमकी दे रहे हैं। लेकिन इसके नौ महीने बाद चंद्रशेखर और उनकी पत्नी की गिरफ्तार किया गया है।

क्यों बेटे को डांटा

शैलेंद्र ने बताया कि बच्चे को स्कूल बस में पेशाब करते हुए पाया। जब इसकी चंद्रशेखर के पास पहुंची तो उन्होंने अपने बेटे से कहा कि अगर उसने दोबारा ऐसा किया तो उसे भारत भेज दिया जाएगा। शैलेंद्र के अनुसार बच्चा स्कूल से खिलौने घर भी लाता था।

उन्होंने कहा, “शुरू में मेरे चाचाजी को नहीं पता था कि उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। वो अपनी पत्नी और बच्चों के साथ जुलाई में हैदराबाद आए थे और अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में वापस ओस्लो लौट गए। फिर उन्हें पत्नी के साथ अधिकारियों के सामने हाजिर होने का नोटिस मिला.” शैलेंद्र के अनुसार वो भी इस बारे में ज्यादा जानकारी का इंतजार कर रहे हैं।

बच्चे को फरवरी में कुछ दिन के लिए नॉर्वे के बाल संरक्षण अधिकारियों की निगरानी में रखा गया ताकि उसके व्यवहार का अध्ययन किया जा सके। चंद्रशेखर के भतीजे ने बताया कि बाद में बच्चे को सामान्य पाया गया और उसके माता पिता को सौंप दिया गया।

पिछला मामला

इससे पहले भी नॉर्वे के बाल संरक्षण एक भारतीय दंपति के बच्चों को अपने पास रख चुके हैं। अरुप और सागरिका भट्टाचार्य के दो बच्चों को नॉर्वे के अधिकारियों ने इसलिए अपने संरक्षण में रखा क्योंकि उनके माता पिता उन्हें हाथ से खाना खिलाते थे और अपने ही बिस्तर साथ सुलाते थे।

पिछले साल इन बच्चों को उनके माता पिता से ले लिया गया था। बाद में इस मुद्दे ने भारत और नॉर्वे के बीच राजयनिक तनाव का रूप भी ले लिया था। काफी समय बाद बच्चे अपने माता पिता से मिल पाए।

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