- आईआईटी में सेकेंड इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑन लॉ एण्ड इकोनामिक्स

- जर्मनी लॉ स्कूल के प्रोफेसर ने दिए स्टूडेंट्स के सवालों के जवाब

KANPUR: इंडियन ज्यूडिशियरी सिस्टम का जो इन्फ्रास्ट्रक्चर है वह दुनिया में बेस्ट है। यहां पर टाइम टू टाइम कोर्ट दखल देकर गवर्नमेंट को भी सावधान करती है। हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट की वर्किंग बहुत अच्छी है। हालांकि इंडिया में लीगल केस की पेंडेंसी बहुत ज्यादा है, जो एक मेजर प्रॉब्लम है। वहीं अफ्रीकन कंट्रीज व चाइना में गवर्नमेंट पावरफुल है, इसलिए वहां पर कोर्ट का कोई खास महत्व नहीं है। भूमि अधिग्रहण में जिस तरह से इंडियन कोर्ट पब्लिक इंट्रेस्ट देखती है, वह काबिले तारीफ है। यह विचार आईआईटी में आयोजित सेकेंड इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑन लॉ एण्ड इकोनामिक्स 2016 में शिरकत करने आए जर्मनी के बी लॉ स्कूल के प्रोफेसर एच ब्रेंड शेफर ने व्यक्त किए।

भूमि अधिग्रहण पर कोर्ट का रुख सही

इंटरनेशनल कांफ्रेंस का इनॉग्रेशन आईआईटी के डीन ऑफ फैकल्टी अफेयर्स प्रोफेसर के। मुरलीधर ने दीप जलाकर किया। जर्मन प्रो। शेफर ने कहा कि भूमि अधिग्रहण गवर्नमेंट सेक्टर व प्राइवेट सेक्टर दोनों ही करते हैं। प्राइवेट सेक्टर ज्यादा पैसा देता है। जबकि गवर्नमेंट सेक्टर से एक लिमिट में मुआवजा मिलता है। जिसकी भूमि गवर्नमेंट लेती है तो वह कोर्ट में दस्तक देता है। कोर्ट यह देखता है कि इसमें जनहित कितना है, उसके बाद डिसीजन दे दिया जाता है। यह एक अच्छी प्रक्रिया है। अफ्रीकन देश में लैंड ग्रैबिंग का सिस्टम है जो कि अच्छा नहीं कहा जाएगा।

लॉ एण्ड इकोनामिक्स की पढ़ाई होनी चाहिए

सेक्रेट्री सीसीआई आईआरएस स्मिता झिंगरन ने कहा कि कॉम्पटीशन एक्ट की भूमिका काफी अहम हो गई है। यह इयर 2002 में बनाया गया था और इयर 2009 में लागू हुआ था। इस एक्ट की खासियत यह है कि बड़ी कंपनियां मनमानी करके अपने प्रोडक्ट हाई रेट्स पर नहीं बेच सकती हैं। एनसीआरडीसी डॉ। बीसी गुप्ता ने कहा कि वह कंज्यूमर प्रोटेक्शन की हर संभव कोशिश करते हैं। डॉ एसएम कांतीकार ने डॉक्टर-पेशेंट रिलेशन पर डिटेल से जानकारी दी। सभी एक्सपर्ट का मानना है कि अब यूरोपियन कंट्रीज की तरह इंडिया में लॉ और इकोनामिक्स का कोर्स यूनिवर्सिटीज व अन्य शैक्षणिक संस्थानों में शुरू किए जाने चाहिए।