लागू होगी पूर्ण मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी व्यवस्था

मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी पूर्ण रूप से लागू हो जाने के बाद से दिल्ली एनसीआर का कोई उपभोक्ता किसी दूसरे राज्य में उसी ऑपरेटर के नेटवर्क पर स्थानांतरित होने के दौरान अपना पुराना मोबाइल नंबर चालू रख सकेंगे. जिससे मोबाइल यूजर को काफी सहूलियत मिलेगी. हालांकि अभी इसके पहले जो मोबाइल यूजर को नंबर पोर्टेबिलिटी की सुविधा मिल रही थी वह सिर्फ सर्विस एरिया तक ही सीमित रहती थी. बस उसी एरिया में आपरेटर्स बदलने का प्रावधान था लेकिन अब ऐसा नहीं है. वर्तमान में देश में कुल 22 टेलीकाम कंपिनयों का सर्किल है. ऐसे में अब आपको नंबर बदले बिना मोबाइल आपरेटर्स बदलने की आजादी मिल जाएगी.

करोडों मोबाइल धारक एमएनपी के लिए कर चुके आग्रह

दूरसंचार के क्षेत्र में एमएनपी की सुविधा 2010-2011 में शुरू हुई थी. हालांकि हाल ही में इस सुविधा को देश में पूरी तरीके से लागू करने के लिए दूरसंचार विभाग के सभी आपरेटरों को तीन नवंबर को पत्र भेजे गए हैं. पत्र में कहा गया है कि एमएनपी देश में पूर्ण रूप से लागू करने का फैसला लिया गया है. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के आंकडों पर नजर डाले तो 31 अगस्त तक कुल 13 करोड मोबाइल यूजर ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के लिए आवेदन किया है.

जानें कैसे बदलेगी आपकी कंपनी

- सबसे पहले आप अपने मोबाइल पर (PORT) पोर्ट व मोबाइल नंबर टाइप करके उसे 1900 पर भेजें.

- एसएमएस भेजने के कुछ ही मिनटों में आपको आठ अंको का एक यूनिक पोर्टिंग कोड मिल जाएगा.

- पोर्टिंग कोड को एक निर्धारित फार्मेट में, कस्टमर एप्लीकेशन फार्म के साथ्ा संबंधित कंपनी के आउटलेट पर एक फोटो के साथ जमा  करना होगा.

- फार्म में पहचान व निवास प्रमाण पत्र लगाना होगा.

- नई कंपनी अपको एक सिम देगी. सिम देने से पहले कंपनी यह जांच करेगी कि आपका कोई भुगतान बकाया तो नहीं है.

- प्रॉसेस पूरा होने में लगने वाले घंटे एसएमएस के माध्यम से उपभोक्ता को बताए जाएंगे.

- नेटवर्क स्थानांतरण का एसएमएस प्राप्त होगा, जिसके बाद नया सिम लगाना होगा. इसके बाद आपकी कंपनी बदल जाएगी.

- इस पूरी प्रक्रिया के दौरान आपके खाते से 19 रूपये काटे जाएंगे.

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