रेल अधिकारियों का क्या है कहना
हिंदी वेबसाइट में छपी एक रिपोर्ट की मानें, तो रेलवे किराया तय करने की जिम्मेदारी अब स्वतंत्र रेगुलेटिरी को मिलेगी। रेलवे अधिकारियों के सूत्रों के मुताबिक, रेल मंत्रालय ने एक स्वतंत्र टैरिफ एंड फ्रेट रेगयुलेटिरी अथॉरिटी का फ्रेमवर्क बना लिया है। इस संस्था का काम यात्री किराए से लेकर माल भाड़ा तय करना होगा। यही नहीं यह रेल किराया मार्केट की स्थिति के आधार पर भी तय किया जाएगा।
बजट सत्र में पेश किया जाएगा
रेलवे मंत्रालय इस योजना को जल्द से जल्द अमल लाने के लिए कैबिनेट की मंजूरी लेना चाहता है। इसके लिए यह ससंद के बजट सत्र में भी पेश किया जा सकता है। सोर्सेज के मुताबिक प्रस्तवित अर्थॉरिटी को 'रेलवे डेवलेपमेंट अथॉरिटी' कहा जाएगा। ड्राफ्टिंग में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि, प्रस्तावित अथॉरिटी सेमी-ज्यूडिशियल टाइप की होगी, जैसे कि अन्य रेगुलेटर्स हैं। इसके पास नॉन्-कंप्लायंस की सूरत में कार्रवाई करने का पर्याप्त अधिकार होगा।
प्राइवेट प्लेयर्स को मिलेगा बराबरी का मौका
रिपोर्ट के अनुसार, इस रेग्युलेटर का काम विवादों को हल करना और प्राइवेट प्लेयर्स के लिए बराबरी के मौके मुहैया कराना भी होगा। यही नहीं रेलवे की माली हालत सुधारने में रेग्युलेटर की मौजूदगी से बड़ी मदद मिलेगी और यह प्राइवेट इनवेंस्टमेंट के लिए काफी मददगार हो सकता है। प्रस्तावित रेग्युलेटिरी अथॉरिटी का ड्रॉफ्ट नए साल की पूर्व संध्या पर रेलवे मिनिस्ट् पेश करेगी ताकि उस पर सार्वजनिक सुझाव और कमेंट्स लिए जा सकेंगे।
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