कुछ ऐसी है जानकारी
इतना ही नहीं भारतीय दूतावास के प्रवक्ता ने इस मामले में किसी भी तरह की जानकारी को देने से इनकार कर दिया है। इस बारे में जानकारी देते हुए दक्षिण अफ्रीका की चैरिटी, गिफ्ट ऑफ द गिवर्स फाउंडेशन ने बताया कि इन पर्यटकों को इनर मंगोलिया के नजरबंदी केंद्र में बिना कोई चार्ज लगाए रखा गया है। इसके अलावा चीनी अधिकारियों की मानें तो जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, उनमें से कुछ लोग अपने होटल के कमरों में बैन किए गए ग्रुप के वीडियो देख रहे थे।

ऐसा हुआ था वाक्या
गौरतलब है कि यह ग्रुप चीन की 47 दिनों की यात्रा पर आया हुआ था। इन लोगों को इनर मंगोलिया के एर्डोस शहर के एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया। फाउंडेशन की ओर से बताया गया कि टूर ऑपरेटर को घटना के दो दिन बाद इस बात की गहराई का अंदाजा हुआ कि ये तो वाकई बेहद गंभीर घटना हुई है। इसके अलावा ब्रिटिश विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि ग्रुप के लोगों की मदद करने के लिए काउंसलर्स को वहां भेजा गया है। इसके अलावा वह सभी चीनी अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश में बराबर लगे हुए है।

फाउंडेशन ने बताया चीनी अधिकारियों को
उधर, दूसरी ओर फाउंडेशन ने चीनी अधिकारियों से हिरासत में लिए लोगों को छुड़वाने के लिए भी विस्तार से तर्क किया है। इस तर्क में उनको बताया गया है कि इनमें से किसी पर भी उनके देश में कोई अपराधिक मामला दर्ज नहीं किया गया है। फाउंडेशन ने ये भी बताया कि जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, उनमें कुछ वोडाकॉम ग्रुप के चीफ एक्जेक्यूटिव शमील जूसब के रिश्तेदार भी हैं। अब देखना ये है कि चीन इन लोगों के साथ किस अंतिम फैसले पर पहुंचेगा।

Hindi News from World News Desk

 

International News inextlive from World News Desk