- संक्रामक रोग अस्पताल कार्डियोलॉजी के हवाले, ओपीडी के लिए निर्माण भी शुरू

- संक्रामक रोगों के लिए नहीं बचेगा शहर में कोई अस्पताल

- मेडिकल कॉलेज प्रशासन की आपत्तियों को दरकिनार कर शासन से हुआ फैसला

KANPUR: कार्डियोलॉजी में पेशेंट्स की बढ़ती भीड़ का नुकसान अब आईडीएच को झेलना पड़ेगा। संक्रामक बीमारियों के लिए शहर के एकमात्र अस्पताल को शासन ने कार्डियोलॉजी ओपीडी बनाने के लिए कार्डियोलॉजी को सौंप दिया हैं। बताया जा रहा है कि अभी इस अस्पताल का एक हिस्सा ही कार्डियोलॉजी ओपीडी के लिए यूज किया जाएगा, लेकिन सूत्रों की मानें तो कार्डियोलॉजी के एक्सपेंशन के लिए पूरे आईडीएच को ही कार्डियोलॉजी को दे दिया गया है। दरअसल शासन के इस निर्णय पर मेडिकल कॉलेज प्रशासन भी खुश नहीं है क्योंकि आगे कभी भी कोई संक्रामक बीमारी फैलती है तो उन पेशेंट्स को कहां रखा जाएगा इसकी चिंता जरूर है।

बीमारी फैली तो क्या होगा?

इस साल की शुरूआत में जब शहर में स्वाइन फ्लू फैला था तब सिर्फ आईडीएच में ही आइसोलेशन वार्ड बनाया गया था। जहां पर भी स्वाइन फ्लू के पेशेंट्स मिलते थे उन्हें इसी वार्ड में भर्ती किया जाता था। उस समय आईडीएच की अहमियत जिला और मेडिकल कॉलेज प्रशासन को पता चली थी। ऐसे में अगर आगे चल कर शहर में फिर कोई संक्रामक बीमारी फैलती है तो पेशेंट कहां जाएंगे इसको लेकर शासन ने कोई इंतजाम नहीं किया।

लंबे समय तक चला विवाद

दरअसल आईडीएच में कार्डियोलॉजी की ओपीडी बनाने को लेकर काफी विवाद हुआ था। यह विवाद काफी समय तक चला था। मेडिकल कॉलेज प्रशासन की मंशा यह नहीं थी कि संक्रामक रोड अस्पताल में कार्डियोलॉजी की ओपीडी शुरू हो। कार्डियोलॉजी के आसपास नई बिल्डिंग के लिए जगह नहीं होने का भी बहाना बनाया गया। आखिर में कार्डियोलॉजी की तरफ से मामला शासन तक पहुंचा दिया गया। पिछले महीेने शासन ने आईडीएच में ही कार्डियोलॉजी की ओपीडी बनाने की सहमति दे दी और आईडीएच के एक हिस्से को कार्डियोलॉजी को टेक ओवर करने देने के आदेश्ा दे दिए ।

आईडीएच में सुविधाएं

84 बेड के लिए आईडीएच अस्पताल में मौजूदा दौर में एआरटी सेंटर चलता है। इसकी ओपीडी भी यहीं होती है। इसके अलावा जानवरों के काटने पर होने वाली बीमारियां जैसे रैबीज के पेशेंट्स के इलाज के लिए भी यहां वार्ड बना है। वैसे यहां पेशेंट्स काफी कम आते हैं डॉ। एके शुक्ला इसके सीएमएस हैं।