- सहसपुर के भाऊवाला में जीआरडी बोर्डिग स्कूल में हुआ था नाबालिग छात्रा का गैंग रेप

- इंटर के छात्र सहित चार नाबालिगों पर था गैंग रेप का आरोप, सभी दोषी करार

- स्कूल मैनेजमेंट के 5 पदाधिकारियों को भी पाया दोषी, सजा सहित जुर्माना

- स्कूल मैनेजमेंट पर 10 लाख रुपए जुर्माना, पीडि़ता को दी जाएगी ये रकम

देहरादून

सहसपुर के भाऊवाला स्थित जीआरडी बोर्डिग स्कूल में नाबालिग छात्रा से गैंग रेप और अबॉर्शन कराने के मामले में स्पेशल जज पोक्सो रमा पांडेय की कोर्ट ने स्कूल डायरेक्टर समेत 8 को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। गैंग रेप के मुख्य दोषी छात्र को सबसे ज्यादा 20 साल की सजा सुनाई गई है। वहीं, डायरेक्टर लता गुप्ता, दीपक मल्होत्रा व तन्नू को 9-9 साल का कारवास, दोषी जितेंद्र को 3 साल की सजा जबकि

3 अन्य नाबालिगों को ढाई-ढाई साल की सजा सुनाई गई। स्कूल प्रशासन पर कोर्ट ने 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जो पीडि़ता को दिए जाएंगे।

अगस्त 2018 की वारदात

जिला शासकीय अधिवक्ता जीसी रतूड़ी ने कोर्ट को बताया कि वारदात 14 अगस्त 2018 की है। पीडि़ता बोर्डिग स्कूल में हाईस्कूल की छात्रा थी। यहां सरबजीत सिंह निवासी बहरैनी अमरिया, पीलीभीत इंटरमीडिएट का छात्र था। घटना वाले दिन सरबजीत व तीन अन्य नाबालिग छात्र पीडि़ता को स्कूल कैंपस में झाडि़यों में ले गए और उसके साथ गैंग रेप किया। इसका पता कुछ महीने बाद चला, जब छात्रा गर्भवती हो गई। छात्रा ने इसकी जानकारी स्कूल मैनेजमेंट को दी तो डायरेक्टर लता गुप्ता निवासी राजपुर रोड, प्रिंसिपल जितेंद्र शर्मा निवासी गुरुनानकपुर सिविल लाइंस लुधियाना (पंजाब), प्रशासनिक अधिकारी दीपक मल्होत्रा व उसकी पत्नी तन्नू मल्होत्रा निवासी नेहरू कॉलोनी थाना बजरिया कानपुर (उत्तर प्रदेश) और आया मंजू रमोला ने साजिश रचकर उसका अबॉर्शन करा दिया। इससे छात्रा की हालत बिगड़ गई। छात्रा के साथ रहकर पढ़ाई कर रही उसकी छोटी बहन ने पिता को फोन कर पूरी बात बताई। पीडि़ता के पिता के देहरादून आने पर चारों छात्रों समेत 9 के खिलाफ केस दर्ज कराया था।

पीडि़ता और बहन की गवाही अहम

पुलिस ने नाबालिग आरोपियों के खिलाफ किशोर न्याय बोर्ड व अन्य के खिलाफ पोक्सो कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। लेकिन, किशोर न्याय बोर्ड ने नाबालिग आरोपियों को दोषमुक्त करार दे दिया था। इस पर अभियोजन पक्ष ने बोर्ड के फैसले को पोक्सो कोर्ट में चुनौती दी। सुनवाई के दौरान आया मंजू सरकारी गवाह बन गई। अभियोजन पक्ष ने 19 और बचाव पक्ष ने 2 गवाह पेश किए। इस प्रकरण में पीडि़ता और उसकी बहन की गवाही अहम रही।

दोषियों को ये सजा मिली

- रेप के मुख्य आरोपी सरबजीत को 20 साल कठोर कारावास और 5000 रुपये जुर्माना।

- स्कूल डायरेक्टर लता गुप्ता और प्रशासनिक अधिकारी दीपक मल्होत्रा को नौ-नौ साल सजा व 82-82 हजार रुपये जुर्माना।

- प्रशासनिक अधिकारी दीपक की पत्नी तन्नू को नौ साल कैद व 72 हजार रुपये जुर्माना।

- स्कूल प्रिंसिपल जितेंद्र को तीन साल कैद व 22 हजार रुपये जुर्माना।

- जुर्माना अदा न करने पर सरबजीत व जितेंद्र को तीन-तीन माह और बाकी को छह-छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।

- स्कूल प्रशासन को छात्रा के शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का दोषी करार देते हुए 10 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया।

नाबालिग दोषियों को ढाई-ढाई साल की कैद

गैंग रेप में शामिल तीन अन्य नाबालिग छात्रों को भी कोर्ट ने दोषी करार देते हुए ढाई-ढाई साल की सजा सुनाई है। साथ ही आदेश दिया है कि तीनों नाबालिग सात दिन के भीतर किशोर न्याय बोर्ड में सरेंडर करें। एक नाबालिग पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, जिसे अदा न करने पर उसे एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।