न्यूयॉर्क में अमरीकी विदेश मंत्री जॉन कैरी और ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद ज़रीफ के बीच वार्ता हुई.

इस बैठक में चीन, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के राजनयिकों ने भी हिस्सा लिया.

ईरान इन छह देशों से 2006 से अपने परमाणु कार्यक्रम और यूरेनियम संवर्धन के मुद्दे पर बातचीत कर रहा है जो अभी तक उपयोगी साबित नहीं हो सकी है.

इससे पहले, ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति हसन रुहानी ने कहा है वह तीन से छह महीने की अवधि में अपने देश के परमाणु कार्यक्रम पर विश्व शक्तियों के साथ समझौता चाहते हैं.

परमाणु कार्यक्रम पर ईरान-अमरीका गतिरोध टूटा

ईरानी राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि किसी भी देश को परमाणु हथियार नहीं रखने चाहिए.

बैठक के बाद अमरीकी विदेश मंत्री ने कहा कि वे ईरान के सुर में आए बदलाव का स्वागत करते हैं.

बैठक की अध्यक्षता करने वाली यूरोपीय संघ की विदेश सचिव कैथरीन एशटन ने वार्ता को संतोषजनक बताते हुए कहा कि दो हफ़्ते के भीतर जिनेवा में दोबारा वार्ता होगी.

अमरीका ने कहा है कि ईरान को तब तक बड़ी रियायतें नहीं दी जाएंगी जब तक ईरान अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आश्वस्त करने के ठोस उपाय नहीं करता कि वह परमाणु हथियार हासिल नहीं कर रहा.

इस बीच, अमरीका और चीन ने ईरान से अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर अंतरराष्ट्रीय प्रस्तावों को स्वीकार करने के लिए कहा है.

उदारवादी राष्ट्रपति

जून में रूहानी के राष्ट्रपति बनने के बाद से ईरानी अधिकारियों ने पश्चिमी देशों के साथ संपर्क स्थापित कर ईरान के परमाणु कार्यक्रम से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की रज़ामंदी ज़ाहिर की है.

मंगलवार को रूहानी ने संयुक्त राष्ट्र सभा में कहा था कि वे ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर समयबद्ध और परिणामजनक बातचीत के लिए तैयार हैं.

परमाणु कार्यक्रम पर ईरान-अमरीका गतिरोध टूटा

संयुक्त राष्ट्र की सभा में गुटनिरपेक्ष आंदोलन की ओर से बोलते हुए रूहानी ने कहा कि किसी भी राष्ट्र के पास परमाणु हथियार नहीं होने चाहिए क्योंकि इन ग़लत हथियारों के लिए कोई भी हाथ सही नहीं है.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों और जर्मनी (पी5+1) ने बीस प्रतिशत तक संवर्धित यूरेनियम के उत्पादन और भंडारण को रोकने के लिए कहा.

समयबद्ध वार्ता

एक अमरीकी अधिकारी ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र में पत्रकारों को बताया, 'चीन और अमरीका दोनों चाहते हैं कि ईरान पी5+1 के साथ सहयोग करे और दिए गए प्रस्तावों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दे.'

राष्ट्रपति ओबामा ने भी ईरान के नए राष्ट्रपति की उदारवादी कार्यप्रणाली का स्वागत किया है.

मंगलवार को उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि अमरीका ईरान के परमाणु कार्यक्रम से संबंधित विवाद को बातचीत के ज़रिए सुलझाना चाहता है और ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए प्रतिबद्ध है.

International News inextlive from World News Desk