बनाई है ईरान से युद्ध की भी योजना
अपने इस मकसद के लिए आईएस ने ईरान के साथ युद्ध की योजना तैयार करने की अपने लड़ाकों से अपील की है. माना जाता है कि इस पॉलिसी मैनिफेस्टो को आईएस की वॉर कैबिनेट के टॉप सिक्स में शुमार अहमद अल मशदानी ने लिखा है. इसे इराक के विशेष सुरक्षाबलों ने मार्च में आईएस के एक कमांडर के घर पर छापे के दौरान जब्त किया था. इसमें मशदानी ने लिखा है कि आईएसआईएस का मकसद रूस की मदद से ईरानी परमाणु हथियारों पर कब्जा करना है.

क्या कहता है मैनीफेस्टो
मैनिफेस्टो कहता है कि रूस को ईरान का साथ छोड़ना होगा और उसके सीक्रेट आईएसआईएस को देने होंगे. बदले में यह आतंकवादी संगठन इराक के अनबर प्रांत में अपने कब्जे वाली गैस फील्ड तक रूस को पहुंच मुहैया कराएगा. रूस को सीरियाई राष्ट्रपति बशर-अल-असद का साथ भी छोड़ना होगा और ईरान के खिलाफ दिख रहे खाड़ी देशों का समर्थन करना होगा.

शिया समुदाय के सफाये का भी है जिक्र
संगठन के इस डॉक्युमेंट में 70 अन्य योजनाओं का भी खुलासा हुआ है. इनमें इस्लामिक खलीफा की बेहतरी के लिए नस्ली सफाया, नाजी तरीके से अपने वंश में बढ़ोतरी और खुफिया सूचनाएं जुटाने जैसी प्लानिंग का भी जिक्र है. इसमें इराक में शिया प्रभुत्व को खत्म करने, इराकी सेना के अफसरों, शिया अधिकारियों और ईरान समर्थित मिलिशिया के सफाये की योजना का भी खुलासा किया गया है. आईएसआईएस की योजना हिंद महासागर में स्थित यमन और कोमोरोस के द्वीपों को खरीदने की भी है, जिनकी मदद से वह अरब प्रायद्वीप को चुनौती देने के लिए अपना मिलिट्री बेस बना सके.

पाकिस्तानी तालिबान ने बदला अपना रुख
पाकिस्तानी तालिबान ने पहले के रुख में बदलाव करते हुए कहा है कि वह आईएसआईएस की मदद के लिए जिहादी भेजेंगे. मुल्ला फजलुल्ला की अगुआई वाले तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने शनिवार को बयान जारी कर यह समर्थन जताया. इसमें कहा गया है कि पश्चिम एशिया में सभी मुस्लिम लड़ाकों को बड़े पैमाने पर अच्छाई के लिए एकजुट हो जाना चाहिए. वह इराक और सीरिया में लड़ाकों को अपना भाई मानते हैं और उन्हें उनकी जीत पर गर्व है. वह उनका हिस्सा हैं और सुख-दुख की घड़ी में शामिल हैं. मुस्लिम राष्ट्र को इराक और सीरिया में लड़ाकों से काफी उम्मीदें हैं. उन्होंने इम्तिहान की घड़ी में साथ होने का भी दावा किया है.

अनबर में 6 इराकी सैनिकों की हत्या
आईएसआईएस के लड़ाकों ने अपने कब्जे वाले अनबर प्रांत में 6 इराकी सैनिकों की सरेआम हत्या कर दी. इन सैनिकों को हित कस्बे में एक कतार में खड़ा कर सिर पर गोली मारी गई. इस आतंकवादी संगठन ने हित कस्बे के पुलिस थाने पर भी बम से हमला किया. इस बीच, संगठन से जुड़ने का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है. बताया जाता है कि 22 मलयेशियाई सीरिया में आईएसआईएस का हिस्सा हैं, जिनमें एक महिला डॉक्टर भी है्.

ब्रिटिश पीएम ने जिहादी जॉन का पीछा करने का दिया आदेश्ा
ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने खुफिया प्रमुखों को जिहादी जॉन का पता लगाने का आदेश दिया है, जिससे कि इस नकाबपोश को पकड़ने या उसे मार डालने के लिए विशेष बलों को भेजा जा सके. इस जिहादी ने हाल में ब्रिटिश बंधक ऐलन हेनिंग का सिर कलम किया था. कैमरन ने शनिवार को ब्रिटेन की प्रमुख खुफिया एजेंसियों एमआई 5, एमआई 6 और जीसीएचक्यू के प्रमुखों को अपने यहां तलब कर कहा कि वे विशेष बलों के हमले के लिए लक्ष्य उपलब्ध कराएं.

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