दुनिया भर में आतंक फैला रहे आईएसआईएस ट्यूनिश में हुए बड़े आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है. उसने साफ कर दिया कि इस हमले को उसने अंजाम दिया है. गौरतलब है कि बीते बुधवार को दो बंदूकधारियों ने राजधानी ट्यूनिश में संसद के करीब स्थित बारदो संग्रहालय पर हमला किया था. इस दौरान कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. इतना ही नहीं हमलावरों ने कुछ लोगों को बंधक भी बना लिया था. सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई में बंदूकधारियों को मार गिराया और बंधकों को मुक्त करा लिया था.ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री गुरुवार को घटनास्थल पर पहुंचे. प्रधानमंत्री हबीब एस्सिद ने बताया कि मारे गए विदेशी सैलानियों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है. ट्यूनीशिया के भी तीन नागरिकों की मौत हुई है. मृतक सैलानी जापान, ब्रिटेन, इटली और स्पेन के हैं. उन्होंने बताया कि बंदूकधारियों की पहचान ट्यूनीशियाई नागरिक के तौर पर ही हुई है.
गुरुवार को बड़ी गिरावट दर्ज की गई
इस हमले का असर ट्यूनीशिया के अर्थवयवस्था पर पड़ने की भी आशंका है. पर्यटन यहां का मुख्य उद्योग है, लेकिन हमले के बाद से विदेशी सैलानियों के लौटने का सिलसिला शुरू हो गया है.जिससे अब यहां से विदेशी टूर ऑपरेटरों ने अगले कुछ दिनों के लिए सारे ट्रिप रद कर दिए हैं. ट्यूनीशिया के शेयर बाजार पर भी इसका असर दिखा और गुरुवार को बड़ी गिरावट दर्ज की गई.आतंकी हमले पर वैश्विक समुदाय ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने हमले की कड़ी शब्दों में निंदा करते हुए वैश्विक समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ साझा प्रयासों की अपील की है. ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबी ने इसे मूर्खतापूर्ण कृत्य करार देते हुए ट्यूनीशिया को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है. पोलैंड ने मदद के लिए चिकित्सकों का एक दल भेजा है.
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