वाशिंगटन (रायटर्स)। संयुक्त राज्य अमेरिका ने पूर्वी अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट के ठिकानों पर ड्रोन से हमला किया है। अमेरिकी सेना ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी। अमेरिकी सेना की यह कार्रवाई काबुल हवाई अड्डे पर एक आत्मघाती बम विस्फोट के एक दिन बाद शुरु हुई, जिसमें उनके 13 सैनिक मारे गए थे और करीब 100 अफगानियों की भी इसमें मौत हो गई थी। राष्ट्रपति जो बिडेन ने गुरुवार को चेतावनी देते हुए कहा था कि अमेरिका हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को छोड़ेगा नहीं। उन्होंने कहा कि उन्होंने पेंटागन को ब्लाॅस्ट के साजिशकर्ताओं पर हमला करने की योजना के साथ आने का आदेश दिया था।

अमेरिका ने पाक सीमा से लगे प्रांत में किया हमला
अमेरिकी मध्य कमान ने कहा कि हमला काबुल के पूर्व और पाकिस्तान की सीमा से लगे नंगरहार प्रांत में हुआ। अमेरिकी सेना के एक बयान में कहा गया है, "शुरुआती संकेत हैं कि हमने टारगेट को मार गिराया है। हमें किसी नागरिक के हताहत होने की जानकारी नहीं है।" हालांकि सेना ने अपने बयान में इसे हवाईअड्डे पर हुए हमले का बदला लेने की बात नहीं कही। एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि यह हमला इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों को खत्म करने के लिए था, ताकि भविष्य में वह किसी तरह के ब्लाॅस्ट की योजना न बना सके। अधिकारी ने कहा कि मध्य पूर्व से उड़ान भरने वाले एक रीपर ड्रोन ने आतंकवादी को तब मारा जब वह इस्लामिक स्टेट के सहयोगी के साथ कार में था। माना जाता है कि दोनों मारे गए हैं।

अमेरिकी नागरिकों को एयरपोर्ट से दूर रहने की चेतावनी
काबुल हवाई अड्डे पर विस्फोट के बाद, काबुल में अमेरिकी दूतावास ने गुरुवार (स्थानीय समयानुसार) अपने नागरिकों को काबुल हवाई अड्डे से दूर रहने की चेतावनी दी और एयरपोर्ट को "तुरंत छोड़ने" के लिए कहा। अमेरिकी दूतावास ने अपनी एडवाइजरी में विशेष चिंता के तीन क्षेत्रों का हवाला दिया। द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, "अमेरिकी नागरिक जो एबी गेट, ईस्ट गेट या नॉर्थ गेट पर हैं, उन्हें अब तुरंत निकल जाना चाहिए।" अमेरिकी सरकार हवाईअड्डे पर संभावित सुरक्षा खतरों के बारे में चेतावनी दे रही है। कुछ फाटकों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।

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