कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने गुुरुवार को चेन्‍नई में इलाज के दौरान अपनी अंतिम सांस ली। शुक्रवार को रांची में उनका अंतिम संस्कार होना है। उनकी तबीयत पिछले काफी लंबे समय से खराब चल रही थी। कोविड के दौरान उनके लंग्स का ट्रांसप्लांट हुआ था। उनके निधन से हर तरफ शोक की लहर है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जगरनाथ महतो को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए इसे अपूरणीय क्षति" बताया। उन्होंने ट्विटर पर उन्हें "टाइगर जगरनाथ दा" भी कहा। जगरनाथ महतो की गिनती झारखंड मुक्ति मोर्चा के कद्दावर नेताओं में होती थी। वह लोगों के बीच काफी लोकप्रिय थे।

टाइगर जगरनाथ दा के नाम से लोग बुलाते थे

1 जनवरी, 1967 जगरनाथ महतो झारखंड के एक भारतीय राजनेता और कैबिनेट मंत्री थे। इन्हें टाइगर महतो या टाइगर जगरनाथ दा के नाम से जाना जाता है। उन्होंने डुमरी विधानसभा जिले के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक के रूप में कार्य किया।

जब जगरनाथ ने 11वीं कक्षा में प्रवेश लिया था

जगरनाथ महतो ने शुरुआती दाैर में 10वीं कक्षा तक ही पढ़ाई की थी। ऐसे में 'अयोग्य' शिक्षा मंत्री कहे जाने के कलंक को दूर करने के लिए 2020 में उन्होंने 11वीं कक्षा में प्रवेश लिया था। इस दाैरान उनका कहना था कि एज इज नो मैटर 'एज इज जस्ट ए नंबर'।

नौ महीने के लगातार इलाज के बाद राज्य लाैटे

हालांकि, परीक्षा से ठीक पहले उनका कोविड टेस्ट पाॅजिटिव आया और उन्हें चेन्नई के एक अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। वह लंबे समय तक कोमा में रहे और उन्हें फेफड़े का ट्रांसप्लांटेशन कराना पड़ा। करीब नौ महीने के लगातार इलाज के बाद अपने राज्य लौटे थे।

बोर्ड परीक्षा के टॉपर्स को कार गिफ्ट किया था

सितंबर 2020 में वह राज्य के 10 और कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा के टॉपर्स को कार गिफ्ट करने वाले पहले शिक्षा मंत्री थे। अपने वादे के मुताबिक उन्होंने 2020 की जैक 10वीं और 12वीं की परीक्षा में टाॅप किए विद्यार्थी को अपने खर्च पर आल्टो कार गिफ्ट किया था।

लाठी और बेंत ही अनियंत्रित युवकों को सुधार सकते

जगरनाथ 2011 में वे अपने जनता दरबार को लेकर सुर्खियों में रहे थे। क्षेत्र में न्यायालय न होने के कारण उन्होंने डुमरी में अपनी समानान्तर न्याय व्यवस्था प्रारंभ की। उनका मानना था कि केवल लाठी और बेंत ही समाज के अनियंत्रित युवकों को सुधार सकते हैं।

निकटतम प्रतिद्वंद्वी लालचंद महतो को हराया

डुमरी विधानसभा सीट झामुमो का गढ़ रही है। महतो ने 2000 से इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है। 2014 के विधानसभा चुनावों में उनको 77,984 मत मिले, उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी लालचंद महतो को हराया, जो भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे।

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