JAMSHEDPUR: जागरण फिल्म फेस्टिवल को दूसरे दिन भी दर्शकों का भरपूर प्यार मिला। सुबह की पहली फिल्म 'मिसिंग जॉनी' से लेकर आखिरी फिल्म 'शिनाख्त' तक सिनेप्रेमियों की भीड़ बिष्टुपुर स्थित पीजेपी सिनेपॉलिस में मौजूद रही।

विदेशी (ताइवान) फिल्म होते हुए भी मिसिंग जॉनी को शहरवासियों ने सराहा, तो टीवीएफ सीरीज की फ्लेम्स से लेकर मल्टीस्टारर फिल्म राम लखन तक का भरपूर लुत्फ उठाया। इसी कड़ी में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना व उनके पिता बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान के जीवन पर आधारित 'हसीना- ए ग्रेट डॉटर्स टेल' ने दर्शकों को भावुक किया। बांग्लादेश के जनक की उनके ही देश में बंगालियों ने जिस तरह से परिवार सहित हत्या कर दी, किसी को अच्छा नहीं लगा। इसी कड़ी में भावुक करने वाली फिल्म निर्देशक ओनीर की 'विडोज ऑफ वृंदावन' भी रही, जिसमें विधवाओं की दुर्दशा देखी नहीं जा रही थी। शाम को निर्देशक राही अनिल बर्वे व आदेश प्रसाद की 'तुम्बाड' दिखाई गई, जिसमें खजाने की खोज करते एक व्यक्ति और उसके बेटे के साथ जो घटनाएं हुई, वह कभी डर पैदा कर रही थी, तो कभी रोमांच। आखिरी दौर में निर्देशक जुगल राजा की बंकर दिखाई गई, जिसमें युद्ध के दौरान फंसे एक सैनिक की पीड़ा और उसके जुझारूपन को देख दर्शक कभी गर्व की अनुभूति कर रहे थे, तो कभी उससे सहानुभूति जता रहे थे। दूसरे दिन की आखिरी फिल्म शिनाख्त रही, जिसमें धार्मिक परंपरा के नाम पर युवा महिलाओं के जननांग को काटकर हटा दिया जाता है। इसने अधिकतर दर्शकों के मन में घृणा के भाव पैदा किए, तो कुछ ऐसी कुरीतियों के होने की वजह जानकर भी दांतों तले अंगुली दबा रहे थे। कुल मिलाकर दूसरे दिन सिनेप्रेमियों को हर तरह का रसास्वादन करने का मौका मिला।