तोड़-फोड़ इनकी फितरत नहीं

दलमा के रेंजर मंगल कच्छप बताते हैैं कि हाथियों की फितरत इंसानों की बस्ती में जाकर तोड़-फोड़ करने की नहीं है, लेकिन जब कोई किसी का आश्रय व खाना छिनने की कोशिश करेगा तो रिएक्शन तो होगा ही। अक्सर खाने की तलाश में हाथी गांव में घुस जाते है और तोड़-फोड़ करते हुए धान, ईख समेत अन्य फसलों को बर्बाद कर देते हैं। इस दौरान ग्रामीण भी उनके शिकार बन जाते हैैं।

745 लोगों की हो चुकी है मौत

अगल स्टेट बनने के बाद झारखंड में हाथियों के हमले में करीब 745 लोगों की मौत हो चुकी है। इस दौरान 40 हाथी भी मारे जा चुके हैैं। कोल्हान में हाथियों के हमले में घायल होने वालों की संख्या भी ज्यादा है। हाथियों के हमले में पिछले 10 साल में करीब 30 लोगों की मौत हो चुकी है।

बुंडू के जंगल हैं dangerous

झारखंड, बंगाल, ओडि़शा, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश सहित अन्य स्टेट में हाथियों की आश्रयणी है, लेकिन जंगलों में हो रहे एन्क्रॉचमेंट के कारण उनके रहने का ठिकाना खत्म होता जा रहा है। इस वजह से वे अपने घर से निकलकर हमारे घरों पर हमला कर रहे हैैं। सबसे ज्यादा असर सरायकेला-खरसांवा और रांची के बुंडू के जंगलों पर पड़ा है। इन दोनों जगहों पर सबसे ज्यादा लोग हाथियों के शिकार हुए हैं.  जान

Inauguration किया था संजय गांधी ने

ईस्ट सिंहभूम डिस्ट्रिक्ट में दलमा वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी सबसे बड़ा फॉरेस्ट एरिया है। यह 195 किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है। इसका इनॉगरेशन वर्ष 1975 में संजय गांधी ने किया था। यहां कई टाइप्स के एनिमल्स हैं और यह टूरिस्ट स्पॉट के रूप में भी डेवलप कर रहा है।

अब होगा development

स्टेट के फॉरेस्ट को बेहतर करने और वहां हाथियों के लिए आश्रयणी व फूड अरेंजमेंट को डेवलप करने के लिए डिपार्टमेंट ने फंड भी सैैंक्शन किया है। इनमें सबसे ज्यादा 18 लाख रुपए दलमा वाइल्ड लाइफ सैैंक्चूरी के लिए सैंक्शन किया गया है।

दलमा में हैं160 हाथी

दलमा सैैंक्चुरी में फिलहाल करीब 160 एलिफैंट हैं। अभी दलमा को इकोसेंसेटिव जोन डिक्लीयर कर दिया गया है। इससे फॉरेस्ट के पांच किलोमीटर के दायरे में कोई भी कंस्ट्रक्शन नहीं होगा। इसके अलावा कोई क्रशर व ईंट भïट्टा के लिए भी नया लाइसेंस नहीं इश्यू हो रहा है। इससे दलमा सैंक्चुरी अब सेफ हो गया है।

---

हाथी अपना रास्ता बनाकर चलता है। जिस रास्ते से वह आता-जाता है, हमेशा उसी रास्ते को फॉलो करता है। अब अगर लोग उस रास्ते पर जाएंगे तो खतरा तो होगा ही। दलमा के हाथी उतने डेंजरस नहीं हैं। अभी तक हमें उनसे कोई खतरा महसूस नहीं हुआ है।

मंगल कच्छप, रेंजर, दलमा