JAMSHEDPUR: पिछले छह दिन से मुख्यमंत्री के एग्रिको आवास के समीप धरना दे रहीं आंगनबाड़ी सेविकाओं को अब अप्रत्यक्ष माध्यमों से धरना समाप्त न करने की स्थिति में हटाने की चेतावनी दी जाने लगी है। इससे आंदोलित सेविकाओं में आक्रोश बढ़ गया है और उन्होंने छठे दिन के धरने के बाद एक बार फिर साफ एलान किया कि जबतक उनकी मांगों पर विचार नहीं कर लिया जाता तबतक वे यूं ही सीएम आवास के सामने डटी रहेंगी।

धमकी देने का आरोप

आंगनबाड़ी सेविकाएं खुद को सरकारी कर्मचारी घोषित करने और मानदेय बढ़ाने समेत 12 सूत्री मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास के समीप एग्रिको ट्रांसपोर्ट मैदान में धरना दे रही हैं। आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के बैनर तले धरना दे रहीं सेविकाओं का कहना है कि पुलिस-प्रशासन डरा धमकाकर आंदोलन समाप्त नहीं करा सकी तो अब बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के कार्यालय से महिला पर्यवेक्षिकाओं के मार्फत चयन मुक्त करने (सेवा से हटाने) की धमकी दिलवा रही हैं। संघ की पूर्वी सिंहभूम जिलाध्यक्ष बिंदु रानी ने बताया कि आंदोलनरत आंगनबाड़ी सेविका सहायिका के मोबाइल पर पांच जून पर्यावरण दिवस के अवसर पर निश्चित रूप से अपने केंद्र में उपस्थित रहने और पौधरोपण करने से संबंधित सूचना आई है। इसके साथ ही कई सेविकाओं के मोबाइल पर चिकित्सा केंद्रों में रूबेला वैक्सिन से संबंधित प्रशिक्षण में शामिल होने का संदेश भेजा गया है। कार्यक्रम में उपस्थित नहीं रहने पर चयन मुक्त करने से संबंधित कार्रवाई प्रारंभ करने की भी बात कही गई है। आंदोलन के दौरान ऐसे संदेश आने पर सेविकाओं में आक्रोश व्याप्त है। आंदोलनकारियों का कहना है कि मांगों पर सही पहल होने तक आंदोलन जारी रहेगा। आंदोलनरत आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका तेज धूप, बारिश और आंधी में भी खुले आसमान के नीचे मैदान में डटी हुई हैं।

रांची में आज होगी वार्ता

आंदोलन कर रही आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं को सरकार ने मंगलवार को वार्ता के लिए रांची बुलाया है। संघ की जिलाध्यक्ष बिंदु रानी ने बताया कि विभागीय मंत्री लुईस मरांडी और सचिव के साथ रांची में वार्ता होगी। इसके लिए आमंत्रण मिला है। वार्ता के लिए मंगलवार को संघ के प्रदेश अध्यक्ष बालोमणी बाखला, संगठन प्रभारी रामचंद्र गोप, प्रदेश मंत्री रूपा देवी, प्रदेश उपाध्यक्ष पुष्पा देवी और पूर्वी सिंहभूम जिलाध्यक्ष बिंदु रानी रांची जाऐंगे। इस दौरान भी आंदोलन जारी रहेगा। साकारात्मक वार्ता होने पर शाम को संघ बैठक कर आगे के फैसले पर विचार करेगी।

शामिल हुईं 180 सेविकाएं

आंदोलन के छठे दिन धनबाद और गुमला से 180 सेविका-सहायिकाएं शामिल हुई। आंदोलन को मुकाम तक पहुंचाने के लिए धनबाद से 80 और गुमला से एक सौ सेविकाओं का दल एग्रिको मैदान पहुंचा। आंदोलनरत महिलाओं का कहना है कि यह आर-पार की लड़ाई है। चाहे कुछ भी हो जाए, मांगे पूरी होने तक आंदोलन नहीं रुकेगा।