-आइनोवा कंपनी ने सैकड़ों लोगों को लगाया चूना

-किसी की बेटी हाथ पीले नहीं हुए, किसी ने देखा था घर बनाने का सपना

-डिपॉजिट मनी को डबल करने के नाम पर ठगे 20 करोड़ रुपए

-बिष्टपुर में था कोलकाता की आइनोवा कंपनी का दफ्तर

JAMSHEDPUR: सुनहरे सपने दिखाकर आइनोवा नन-बैंकिंग कंपनी ने लोगों को ख्0 करोड़ रुपए का चूना लगाया। अपनी गाढ़ी कमाई चिटफंड कंपनी के नाम कर चुके सैकड़ों लोग अब न्याय की गुहार लगा रहे हैं। गुरुवार को दो दर्जन से अधिक लोग एसपी के जनता दरबार में आइनोवा नन बैंकिंग कंपनी की शिकायत लेकर पहुंचे थे। ठगी के शिकार लोगों ने बताया कि कोलकाता की आइनोवा कंपनी ने ख्009 से शहर में धंधा जमाया। एजेंटों के मार्फत कस्टमर खोजे और धीरे-धीरे जनता को विश्वास में लिया। कस्टमर्स को साल ख्0क्फ् से जमा किए हुए रकम की रसीद मिलनी बंद हो गई। ख्0क्ब् के अंत तक कंपनी ने अपना दफ्तर भी बंद कर दिया। निवेशकों के मुताबिक एसपी चंदन कुमार झा ने मामले को बिष्टपुर थाना प्रभारी के हवाले कर दिया है। उन्होंने जल्दी ही निष्पक्ष जांच का भी भरोसा दिया है।

कमल की गिरफ्तारी के बाद जगी उम्मीद

चिटफंड के मास्टरमाइंट कमल की गिरफ्तारी के बाद लोगों में प्रशासन के प्रति विश्वास जग गया है। मीडिया में आई खबरों से लोग जागरूक हुए हैं और अपनी शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंच रहे हैं। ख्00 करोड़ रुपए चिटफंड के नाम पर उगाही करने वाला कमल फिलवक्त सलाखों के पीछे है। पिछले महीने पुलिस ने उसे असम से गिरफ्तार ि1कया था।

आरडी और एफडी के नाम पर कराया डिपोजिट

आइनोवा ने रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) और फिक्स डिपॉजिट (एफडी) के नाम पर लोगों से उगाही की। परसुडीह निवासी उत्तम दत्ता नामक व्यक्ति इसका संचालन कराता था। जमशेदपुर, चक्रधरपुर, चाईबासा, सरायकेला-खरसावां, घाटशिला सहित अन्य जगहों पर भ्00 से ज्यादा एजेंट बहाल कराए। जानकारी के मुताबिक एजेंटों ख्0 प्रतिशत से भी ज्यादा कमीशन दिया जाता था। आरडी और एफडी के नाम पर लोगों से पैसे निवेश कराए जाते थे। साल भर में पैसे डबल करने की गारंटी दी जाती थी। हालांकि कंपनी ने शुरुआत के दिनों में मैच्योरिटी पूरी होने के बाद पैसा रिटर्न किया था। इसके बाद लोगों को विश्वास कंपनी पर जम गया। जैसे ही रकम ज्याद हुई कंपनी पैसे लेकर रफूचक्कर हो गई।

इन्हें लगाया चूना

एसएन हेंब्रोम - सरजामदा - ख् लाख

दामू हरिबुरू - चाईबासा - ख्0 लाख

केएचएस राव - लोको कॉलोनी - क्0 लाख

कृष्णा कर्मकार - टेल्को - क्0 लाख

सूरज कुमार - टेल्को - भ् लाख

बालिया राजेश - परसुडीह - क्9 लाख

हरिपदो महतो - ख् लाख

लीली मैरी - फ् लाख

सीएच पिंकी - ब्.भ् लाख

कोलकाता की है आइनोवा कंपनी

पीडि़तों की ओर से एसपी को उपलब्ध कराए गए दस्तावेज के मुताबिक कोलकाता की आइनोवा मार्केटिंग कंपनी लिमिटेड के एमडी राजीव मुखर्जी, सीएमडी जयंत चक्रवर्ती है। कंपनी का मेन ऑफिस 88ए शरत बोस रोड कोलकाता में है।

जमशेदपुर में उत्तम दत्ता के हाथों थी जिम्मेवारी

आइनोवा सॉल्यूशंस, आइनोवा रियल स्टेट और आइनोवा टूर एंड ट्रैवेल्स के नाम से जमशेदपुर, घाटशिला, चाईबासा, सरायकेला और चक्रधरपुर में नन बैंकिंग का काम होता था। लोगों को समझाया जाता था कि जनता के निवेश किए पैसों का रियल स्टेट में यूज किया जाता है। रियल स्टेट में मिले मुनाफे से कस्टमर्स को एक साल में डबल पैसा पेमेंट किया जाता है। परसुडीह निवासी उत्तम दत्ता को जमशेदपुर और आसपास के इलाकों में पैसे इन्वेंस्ट कराने की जिम्मेदारी दी गई थी। उत्तम दत्ता ने करीब भ्00 एजेंट बहाल किए थे। आइनोवा नन बैंकिंग कंपनी का दफ्तर बिष्टपुर थाना क्षेत्र के पंच रेणु अपार्टमेंट में था। निवेशकों के मुताबिक दफ्तर में अब ताला लगा हुआ है।

कंपनी और उत्तम दत्ता में हुअा था विवाद

एजेंटों ने बताया कि साल ख्0क्ख् में रुपए लेनदेन को लेकर आइनोवा मैनेजमेंट और उत्तम दत्ता के बीच विवाद हो गया था। इसके बाद कंपनी ने अपना दफ्तर जमशेदपुर से बंद कर दिया। ऑफिस बंद होने के बाद उत्तम दत्ता ने दूसरी ननबैंकिंग कंपनी ज्वाइन की। आइनोवा में निवेश किए कस्टमर्स ने जब उत्तम दत्ता ने संपर्क किया तो उसने पैसे देने से इंकार कर दिया।

पैसे की आस में कोलकाता गए थे इंवेस्टर्स

ज्यादा पैसे पाने की उम्मीद में लाखों गंवा चुके इंवेस्टर्स कोलकाता के दफ्तर तक का चक्कर काट चुके हैं। कुछ दिनों तक तो कंपनी ने पैसा देने का आश्वासन दिया, लेकिन इसके बाद से कंपनी के सीएमडी जयंत चक्रवर्ती और एमडी राजीव मुखर्जी का कोई अता-पता नहीं है। दोनों का मोबाइल भी स्वीच ऑफ बता रहा है।

एजेंटों के सिरदर्द बने इन्वेस्टर

आइनोवा कंपनी में करोड़ों रुपए इन्वेस्ट करा चुके भ्00 एजेंटों के लिए कस्मटर अब सिरदर्द बन गए हैं। एजेंट सिर छिपाए फिर रहे हैं, लेकिन लोकल होने के नाते कस्टमर सीधे एजेंटों पर ही दावा ठोंक रहे हैं। कंपनी से पैसा रिकवर कराने की मांग पर कई एजेंटों ने पिछले महीने एसपी से मुलाकात की थी।

मैंने बच्चों की पढ़ाई का सपना देखा था। ख्000 रुपए हर महीने जमा करती थी। साल ख्009 से ख्0क्फ् तक जमा किया। इसके बाद कंपनी ने रिसिवंग देना बंद कर दिया। फिलहाल डिपॉजिट मनी की रिकवरी के लिए चक्कर काट रही हूं।

-लिली मैरी, निवेशक

डिपॉजिट मनी को डबल करने का ऑफर देकर मुझसे पैसा इंवेस्ट कराया गया। मैंने ब्.भ् लाख रुपए इन्वेंस्ट किए। सोचा था कि 9 लाख रुपए मिलने पर घर बनाऊंगी। पैसा डूबते ही आशियाने की उम्मीद भी टूट चुकी है।

-एस पिंकी, निवेशक