सविता महतो को राज्यसभा का टिकट नहीं दिए जाने से कुड़मी समाज नाराज
बंद का सिटी के अंदर कोई खास असर नहीं देखा गया। सिटी सभी एरियाज में तो पुलिस मुस्तैद रही और रोज की तरह लोग सडक़ों पर निकले। दुकाने कुछ समय के लिए जरूर बंद हुई लेकिन बाद में खुल गई। कदमा, साकची, गम्हरिया में बंद का हल्का असर दिखाई पड़ा।

Rural areas बंद से प्रभावित
रुरल एरिया में बंद का अच्छा खासा असर दिखाई पड़ा। हाईवे पर व्हीकल को रोका जा रहा था। व्हीकल में तोड़-फोड़ करने के साथ ही लोगों के साथ मारपीट भी की जा रही थी। बंद सपोर्टर्स ने जगह जगह रोड जाम किया। इस दौरान एमजीएम थाना एरिया स्थित बालिगुमा में एक ऑटो को आग के हवाले कर दिया गया। दूसरी ओर सरायकेला-खरसावां डिस्ट्रिक्ट स्थित कांड्रा में भी कुड़मी संगठनों ने एक ट्रैक्टर को आग के हवाले कर दिया। बंद के कारण आदित्यपुर से कांड्रा तक रोड पर व्हीकल की लंबी लाइन लगी रही, लेकिन बाद में पुलिस ने रोड को क्लियर कराकर सिचुएशन को नॉर्मल कराया।

ये organisation रहे एक्टिव
चक्का जाम को कुड़मी विकास मोर्चा के अलावा जेपीपी, जेडीपी, झारखंड मूलवासी अधिकार मंच, आदिवासी युवा कुड़मी समिति, कुड़मी सेना, ऑल इंडिया माइनॉरिटी सोशल वेलफेयर एसोसिएशन, कुड़मी युवा मंच, आदिवासी कुड़मी स्टूडेंट्स यूनियन, मूलवासी अधिकार मंच, मुखी समाज, लोहार समाज व सिख कम्यूनिटी का सपोर्ट रहा।

तो नहीं होती इतनी तकलीफ
झारखंड मूलवासी अधिकार मंच के चीफ कन्वेनर हरमोहन महतो ने कहा कि सविता महतो के सम्मान के लिए यह सब किया जा रहा है। झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन न चीफ मिनिस्टर हेमंत सोरेन को सविता महतो के साथ किए गए अपमान के लिए माफी मांगनी होगी। अगर सविता महतो को रांची नहीं बुलाया होता तो इतनी तकलीफ नहीं होती।

Report by : jamshedpur@inext.co.in