JAMSHEDPUR: टैगोर सोसाइटी की ओर रविवार को शहर के कला संस्कृति केंद्र साकची स्थित रवींद्र भवन प्रेक्षागृह में ऋतुराज बसंत का उत्सव मनाया गया। यह रवींद्रनाथ टैगोर की बसंत ऋतु पर आधारित रचनाओं से ओत-प्रोत था। कविगुरु ने बसंत को जीवन का उत्सव बताया था और उनकी रचनाओं में ऋतुओं की जो प्रधानता नजर आती है, वह इस कार्यक्रम को देखकर प्रतीत हुआ। बसंत उत्सव कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जीवन और ऋतुओं के तालमेल को दर्शाना था। इस अवसर पर टैगोर सोसाइटी के स्कूल ऑफ आ‌र्ट्स के क्भ्0 छात्र-छात्राओं एवं शिक्षक शिक्षिकाओं ने भाग लिया तथा इस कार्यक्रम को ऊंचाई प्रदान की। उनके द्वारा प्रस्तुत कविगुरु की रचनाओं में 'नवो बोसोंते गानेर डाली', 'आजी दोखिनो दुआर खोलो', 'बोसोंतो बोसोंते कोबीरे दाओ डाक' फागुनेरो नोबीनो आनंदे' तथा 'ओरे गृहोंवासी लागलो जे दोल' की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन सब्यसाची चंदो ने किया। संगीत निर्देशन चंदना चौधरी, नृत्य निर्देशन रीता मित्रा, मोनीदीपा दास तथा तबला पर पार्थो प्रियो दास व सुनिर्मल चक्रवर्ती थे। कार्यक्रम को देखने आए लोगों ने प्रस्तुति की सराहना करते हुए कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर की रचनाओं को जीवन से जुड़ा बताया।