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सिटी में संडे को वट सावित्री की पूजा की गई। शहर के अलग-अलग मंदिरों में महिलाओं ने पूजा-अर्चना की। वट वृक्ष को सूत बांधा। उसकी परिक्रमा की और पति के दीर्घायु होने की कामना की। व्रतियों ने पीपल के पत्ते को अपने जुड़े में लगाया। इस दिन घर में पति को पंखा झलने का भी रिवाज है। आचार्य एके मिश्र के अनुसार वट वृक्ष को सूत बांधने से पति की आयु लंबी होती है। शास्त्रों में वर्णित कथा के अनुसार इसी दिन सावित्री नामक राजकुमारी ने मरे हुए अपने पति को यमराज के द्वार से जिंदा वापस लाया था। इसी दिन से यह व्रत मनाया जाने लगा। दिन में 10 बजे से शहर के विभिन्न मंदिरों और शिवालयों में लगे पीपल के वृक्ष के पास भक्ति का माहौल बना रहा।

वट वृक्ष में है तीनों देवताओं का वास

आचार्य एके मिश्र के अनुसार वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है। जड़ में ब्रह्मा, तना में विष्णु और पत्तों में बाबा भोलेनाथ का वास होता है। मात्र वट वृक्ष की पूजा से सभी देवताओं की पूजा हो जाती है।

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बढ़ती महंगाई के विरोध में जेएमएम ने फूंका पुतला

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JAMSHEDPUR: डीजल-पेट्रोल और खाद्यान्न पदार्थो की बढ़ती कीमत के विरोध में जेएमएम कार्यकर्ताओं ने रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका। साकची गोलचक्कर के पास इसका नेतृत्व रामदास सोरेन ने किया। उन्होंने कहा कि महंगाई को कम करने का वादा कर सत्ता में आई मोदी सरकार जनता पर महंगाई का बोझ ला रही है। मोदी मैजिक महंगाई करने के बजाय बढ़ा रही है। इससे जनता त्रस्त है। पुतला दहन के मौके पर मंगल कालिंदी, कमलजीत कौर, राजू लकड़ा सहित तमाम लोग मौजूद थे।