-रिमांड होम में बुधवार को हुई थी बाल कैदी की मौत, परिजनों ने की निष्पक्ष जांच की मांग

-11.45 से लेकर 12.20 तक डीसी ऑफिस के पास किया रोड जाम

-डीसी को सौंपा ज्ञापन, सही तरीके से कार्रवाई का मिला आश्वासन

JAMSHEDPUR: घाघीडीह स्थित रिमांड होम में बाल कैदी सोनू राम की मौत के बाद परिजनों व बस्तीवालों ने गुरुवार को डीसी ऑफिस के पास जमकर बवाल काटा। आक्रोशित बस्तीवालों ने डीसी डॉ अमिताभ कौशल के ऑफिस का घेराव किया। क्क्.ब्भ् बजे जेल प्रशासन और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धतकीडीह स्थित मुखी बस्ती से सैकड़ो की संख्या में आये लोग डीसी ऑफिस के बाहर मुख्य सड़क को जाम कर बैठ गये एवं सोनू की मौत को लेकर उच्च स्तरीय जांच करने की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे बलदेव सिंह ने कहा कि बाल गृह में व्यापक सुधार करने की आवश्यता है। उन्होंने आरोप लगाया कि बाल गृह में बच्चों को नशीली दवाओं का सेवन कराया जाता है। साथ ही उनके साथ दुष्कर्म व रंगदारी भी ली जाती है। दिन के करीब एक बजे बलदेव सिंह के नेतृत्व में पांच लोग डीसी को ज्ञापन सौंपा। डीसी ने आश्वासन दिया कि उनके सभी आरोपों की निष्पक्ष जांच होगी।

पार नहीं होने दी गाडि़यां

बाल गृह में सोनू की मौत की उच्च स्तरीय जांच को लेकर आये बस्तीवालों ने क्क्.ब्भ् से लेकर क्ख्.ख्0 तक डीसी ऑफिस के गेट के बाहर मुख्य सड़क को घेर बैठे रहे। इस दौरान बस्तीवासियों द्वारा डीसी ऑफिस के पास से तकरीबन आधे घंटे तक किसी भी वाहन को पार नहीं होने दिया गया। आधे घंटे तक सड़क का घेराव करने के चलते जाम की स्थिति बन गई। इसके बाद ट्राफिक डीएसपी विवेकानंद ठाकुर को जाम हटाने के लिए बुलवाया गया।

करने लगे हंगामा

आधे घंटे तक डीसी ऑफिस के बाहर मेन रोड पर ट्रैफिक व्यवस्था बाधित होता देखकर सिटी डीएसपी अनिमेष नैथानी, ट्रैफिक डीएसपी विवेकानंद ठाकुर, साकची ट्रैफिक इंस्पेक्टर दल-बल के साथ डीसी ऑफिस पहुंचे। इस दौरान डीसी ऑफिस के गेट के बाहर फोर्स अलर्ट होता देख सभी बस्तीवासी हंगामा करने लगे। डीएसपी ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि वे रोड छोड़कर प्रदर्शन करें, पुलिस के जवान हटा लिए जाएंगे। इसके बाद प्रदर्शन कर रहे लोग सड़क छोड़कर डीसी ऑफिस के गेट पर खड़े हो गए।

बेटे कहता था, यहां के लोग अच्छे नहीं

मृतक सोनू राम की मां सिवानी मुखी ने कहा कि वो अपने बेटे से मिलने के लिए एक हफ्ते पहले बाल सुधार गृह गई थी। वहां सोनू ने कहा था कि मां मुझे यहां से ले चलो, यहां के लोगों का व्यवहार उसके साथ अच्छा नहीं है। सोनू की मां सिवानी बार-बार एक ही बात कह रही थी। मेरा बेटा मुझसे मिलने के लिए बेताब था फिर वो आत्महत्या कैसे सकता है। मेरे बेटे की हत्या की गई है।