-सुप्रीम कोर्ट ने अपील याचिका खारिज कर हाईकोर्ट के आदेश को सही करार दिया

-आरोपी कुणाल जेना ने उम्रकैद की सजा खारिज करने को ले सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी याचिका

JAMSHEDPUR: टाटा वर्कर्स यूनियन-जमशेदपुर के तत्कालीन अध्यक्ष और चर्चित मजदूर नेता बीजी गोपाल हत्याकांड के आरोपी कुणाल जेना की उम्र कैद की सजा को बरकरार रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उसकी अपील खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने इस हत्याकांड में कुणाल जेना साहित ललित चंद्र विश्वास और अमरेंद्र कुमार सिंह को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा बहाल रखी थी। जमशेदपुर की जिला अदालत ने तीनों को यह सजा दी थी। हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ एक आरोपी कुणाल जेना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर उम्र कैद की सजा निरस्त करने की गुहार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के आदेश को सही बताया और अपील याचिका खारिज कर दी।

क्99फ् में हुई थी हत्या

विदित हो कि बीजी गोपाल और उनके अंगरक्षक मदन प्रसाद की हत्या क्ब् अक्टूबर क्99फ् को कर दी गई थी। बाद में घटना की प्राथमिकी दर्ज की गई और कांड की सीबीआइ जांच हुई। सीबीआई जांच के निष्कर्षो और सुनवाई के आधार पर जिला अदालत ने बीजी गोपाल हत्याकांड में तीनों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद तीनों ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। मुख्य न्यायाधीश वीरेंदर सिंह और न्यायमूर्ति पीपी भट्ट की खंडपीठ ने लंबी सुनवाई के बाद निचली अदालत के आदेश को सही बताते हुए तीनों की सजा बरकरार रखी थी।