-बिष्टुपुर स्थित सत्यनारायण मंदिर में आयोजित भागवत कथा का समापन, काफी संख्या में उमड़े श्रद्धालु

-कथावाचक सत्यनारायण शास्त्री बोले जीव को कथा से सत्संग और भक्ति का धन अर्जित करना चाहिए

JAMSHEDPUR: बिष्टुपुर स्थित सत्यनारायण मंदिर में आयोजित भागवत कथा के अंतिम दिन रविवार को कथावाचक सत्यनारायण शास्त्री ने भागवत महात्म्य बताया। उन्होंने कहा कि जीवन में त्याग से शांति आती है और शांति से भक्ति का मार्ग खुलता है। जीव को सदैव दूसरों के सुख में अगर आनंदित होने का अधिकार है, तो दूसरों के दुख में दुखी होने का दायित्व भी निभाना चाहिए। जीव को कथा से सत्संग और भक्ति का धन अर्जित करना चाहिए। इससे परिवार, समाज और देश का कल्याण होता है।

संसार में दो तरह के लोग होते हैं

कथावाचक सत्यनारायण शास्त्री ने कहा कि संसार में दो तरह के लोग हैं। एक तो वो जो ये कहते हैं कि उनके पास जो कुछ भी है वो सब ईश्वर का दिया हुआ है और दूसरे वो लोग हैं जो ये कहते हैं कि सब कुछ उनके द्वारा ही अर्जित किया गया है। सच्चाई यह है कि जिसकी ओर कोई नहीं देखता है और जहां किसी की नजर नहीं पड़ती है वहां प्रभु की करुणा का प्रभाव मिलता है। परमात्मा अपने शरणागतों के जीवन में आए सभी प्रकार के कष्टों का निवारण करते हैं। मनुष्य के अंगों के कार्यो को बताते हुए उन्होंने कहा कि वाणी को कथानुवाद, नेत्रों को दर्शन, कानों को भजन श्रवण, हाथों से माता-पिता और ईश्वर की सेवा, पांव से तीर्थ स्थल की परिक्रमा करनी चाहिए।