-धालभूम क्लब मैदान में भागवत कथा

-कथावाचक भागवतकिंकर अनुराग कृष्ण शास्त्री सुना रहे हैं कथा

JAMSHEDPUR: कण-कण में रहने वाले ईश्वर को हम सांसारिक तत्वों के मोह के कारण नहीं देख सकते। सद्गुरु कृपा से ही ईश्वर का दर्शन हो सकता है, क्योंकि जीव के जीवन में मोक्ष और मृत्यु में अंतर है। जब सांसें पूरी हों और तमन्ना अधूरी रह जाए तो जीव की केवल मृत्यु होती है, जबकि तमन्नाएं पूरी हो जाएं और सांसें बाकी रह जाएं तो यह मोक्ष है। धालभूम क्लब मैदान में आयोजित भागवत कथा में रविवार को व्यासपीठ से आए कथावाचक भागवतकिंकर अनुराग कृष्ण शास्त्री ने ये बातें कहीं। वे ध्रुव चरित्र, सती चरित्र, कपिल अवतार, कपिल गीता प्रसंग पर बोल रहे थे।

कर्मो के आधार पर ही मिलता है नया जीवन

उन्होंने कहा कि जीव का रोना तभी सार्थक है जब उसके रोने से ईश्वर की सत्ता धन की प्राप्ति हो। जब प्रभु ने जीव के जन्म-मरण, हानि-लाभ और यश-अपशय अपने हाथों में रख रखे हैं तो जीव को अपनी सांसों में भजन समा लेनी चाहिए। जीव के कर्म से ही भाग्य बनता है। जीव के पूर्व जन्मों के कर्मो के आधार पर ही जीव को नया जीवन मिलता है। कलियुग में जीव अनावश्यक रूप से अपने जीवन की जवानी को भोग में और बुढ़ापे को रोग में बिता रहा है। श्री शास्त्री ने बताया कि कलियुग में धनहीन, गुणहीन होना निंदनीय है, जबकि वेदव्यासजी ने बताया कि किसी भी युग में ईश्वर नाम का स्मरण करने से चूकने वाला जीव निंदनीय है।

देश भर से भक्तों का आना शुरू

भागवतकिंकर अनुराग शास्त्री की प्रवचन-कथा को सुनने कोलकाता, रांची, ओडि़शा सहित देश के कई क्षेत्रों से भक्तों का आना शुरू हो गया है। मानसकोकिला ब्रजकिशोरी अपने पिता और गुरु राधेश्याम शास्त्री के साथ उत्तर प्रदेश से विशेष रूप से कथा पंडाल में पहुंचीं।

मंगल से शुरू होंगी उत्सवों की श्रृंखला

कथा के पांचवें दिन मंगलवार से उत्सवों की श्रृंखला शुरू होगी और इसी दिन श्रीराम अवतार और श्रीकृष्ण प्राकट्य उत्सव होगा। इसके बाद हर दिन उस्त्सवों की कथा होगी। सोमवार की कथा के दौरान जड़भरत चरित्र, भक्त प्रह्लाद चरित्र और नरसिंह अवतार प्रसंग पर प्रवचन होगा।

इनकी रही मौजूदगी

सागरमल अग्रवाल, सीताराम अग्रवाल, गोपाल हरलालका, राजकुमार दोदराजका, बिनोद खेमका, सांवरमल मेंगोतिया, बजरंग लाल अग्रवाल, रामनिरंजन छापोलिया, सुरभि शाखा की पूर्व अध्यक्ष ममता अग्रवाल, भजन गायक महावीर अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में भक्तों ने व्यासपीठ को नमन किया।