-बिष्टुपुर ओ रोड में हो रही भागवत कथा

JAMSHEDPUR: बिष्टुपुर ओ रोड स्थित जी टाउन क्लब मैदान के पास आयोजित भागवत कथा में गुजरात से आए आचार्य जयंती महाराज ने रविवार को कहा कि जीवन जीने वालों के जीवन में आनंद रहता है, जबकि तृष्णा की पूर्ति के लिए भटकते हुए जीव को कष्ट झेलना पड़ता है। विपत्तियां प्रभु के स्मरण से विस्मरण की अवस्था की ओर जाने की वजह से होती है। भक्त भी अगर आडंबरी हो, आसक्त हो तो भगवान का प्रिय नहीं हो सकता। आचार्य ने बताया कि सात ठाकुर का प्राकट्य स्वयं हुआ है वो किसी मूर्तिकार द्वारा निर्मित अथवा किसी विद्वान द्वारा स्थापित नहीं हैं। स्वयं प्रकट होने वाले ठाकुर में से एक हैं बांके बिहारी जो संत हरिदास के भजनों पर रीझ कर प्रकट हुए। दूसरे हैं संत हितदास के कारण प्रकट हुए राधावल्लभ सरकार। तीसरे हैं चैतन्य महाप्रभु के कारण आए राधा गोविंद। चौथे हैं राधा दामोदर जो शील गोस्वामी के कारण आए। पांचवें हैं राधा श्याम सुंदर जो संत गोपेश्वर के कारण प्रकट हुए। आचार्य ने बताया की ये पांच तो व्रज भूमि में आए, लेकिन दो प्राकट्य भक्त की वजह से और हुए, जो भक्त के स्नेह के कारण व्रज भूमि से बाहर चले गए। इनमें राजस्थान के करौली में मदनमोहन सरकार का और जयपुर में गोविंद देव जी उदाहरण है।

दिखी भक्ति

कथा में राधा गोविंद मंदिर साकची के स्वामी भारती महाराज और सीताराम दास महाराज भी शामिल हुए। इसके अलावा बड़ी संख्या में महिलाएं व पुरुषों ने भक्ति के सागर में गोता लगाया। युवा भक्त प्रशांत कुमार की अगुवाई में भक्तों की सेवा की गई। अजय कुमार सिंह, रामचंदर, अनूप कुमार, छोटेलाल, संजय़ प्रसाद, दिनेश सिंह, अरूण सिंह, अशोक कुमार सिंह समेत अन्य लोगों ने भी आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाई। अन्य अनुष्ठानों में गायत्री परिवार के मुन्ना पंडित ने अपनी टीम के साथ सहयोग किया। राम प्यारी देवी मुख्य यजमान हैं। यह धार्मिक आयोजन एके सिंह परिवार की ओर से आयोजित किया जा रहा है।