जमशेदपुर : सीतारामडेरा के भुइयांडीह गैंगवार मामले के नामजद आरोपित सुधीर दुबे को सीतारामडेरा थाना की पुलिस ने तीन दिन की रिमांड पर लिया था। रविवार को रिमांड अवधि पूरी होने पर उसे पुलिस ने न्यायालय में प्रस्तुत करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इससे पहले पुलिस को पूछताछ में उसने बताया कि वह पहले गैंगस्टर अखिलेश सिंह के लिए काम करता था। जमशेदपुर में उससे अपराध को अंजाम दिलाया गया। इस कारण वह काफी समय तक जमशेदपुर के जेल में रहा। इस बीच कभी अखिलेश सिंह ने मदद नहीं की। वह जेल से जमानत पर रिहा हुआ। अपराध से हटने का मन बना लिया था, लेकिन अखिलेश सिंह नहीं चाहता था कि वह अपराध से हटे। अखिलेश सिंह (वर्तमान में दुमका जेल में बंद) से उसकी अदावत कन्हैया सिंह और हरीश के कारण हुई। भुइयांडीह गैंगवार की घटना भी कन्हैया सिंह के कारण ही हुई। इंटरनेट मीडिया पर उसके और अखिलेश गिरोह के गुर्गो के बीच एक-दूसरे के खिलाफ कमेंट्स लिखे जा रहे थे, जिसे लेकर विवाद हुए। भुइयांडीह में गैंगवार हुआ। गौरतलब है कि सुधीर दुबे को विगत दो जुलाई को जमशेदपुर पुलिस ने पंजाब के संगरूर जिले में छापेमारी कर गिरफ्तार किया था। उस पर जमशेदपुर में 22 आपराधिक मामले दर्ज हैं। अमित राय की हत्या में उसे उम्रकैद की सजा हुई थी। अपील बेल पर उसे जमानत मिली थी। कोवाली में वह क्रशर चला रहा था, जो गैंगवार की घटना के बाद बंद हो गया।

हो गई थी जानकारी

सुधीर दुबे ने पुलिस को बताया कि अखिलेश सिंह के गिरोह में रहने के बाद उसे गिरोह की पूरी जानकारी हो गई थी कि गिरोह को कहां-कहां से रुपये मिलते हैं, पर किसी को रुपये नहीं दिए जाते थे। रुपये के बंटवारे को लेकर भी विवाद हुआ था। इस कारण उसने सोनारी निवासी अमित राय की हत्या मामले में जमानत मिलने के पहले ही गिरोह छोड़ दिया। अपने साथ कुछ युवकों को रखा। कदमा के राजीव राम, टेल्को के राजा दुबे, सूरज, कदमा के भानू मांझी समेत कई लोग उसके साथ थे। हालांकि अब उसका किसी से कोई नाता नहीं है। कई मामलों में वह शामिल नहीं था। बावजूद उसका नाम लेकर लोगों को डराया-धमकाया गया। अपराध में वह नहीं रहता चाहता। अब वह कभी जमशेदपुर नहीं आएगा। वह शांति की ¨जदगी जीना चाहता है। गौरतलब है कि सीतारामडेरा के भुइयांडीह गैंगवार के नीतिबाग कालोनी में 29 अप्रैल 2020 को अखिलेश सिंह गिरोह के कन्हैया सिंह और सुधीर दुबे गिरोह के कल्लू राय के बीच फाय¨रग की घटना हुई थी। उसमें अखिलेश सिंह गिरोह के सात लोग घायल हो गए थे।

सूअर पालन के धंधे में जुट गया

सुधीर दुबे ने पुलिस को बताया जमशेदपुर जेल से रिहा होने के बाद वह बिहार के बक्सर जिले के कृष्णा-ब्रह्मपुर के ढकाईच में रहने लगा। वहां कुछ धंधा किया। इसके बाद सूअर पालन के धंधे में जुट गया। सिलीगुड़ी, असम और गंगटोक में व्यवसाय कर रहा था। पंजाब आना-जाना करता था। जहां से पुलिस ने उसे दो जुलाई को गिरफ्तार कर लिया। बताया कि गिरफ्तारी से चार दिन पहले ही पंजाब आया था।

लाइसेंसी था हथियार

सुधीर दुबे ने बताया कि अपने साथियों के साथ जो भी हथियार लेकर इंटरनेट मीडिया पर प्रदर्शित करता था। वह हथियार लाइसेंसी है। छह लाइसेंसी हथियार उसके घर और रिश्तेदारों के पास हैं। कहा जो भी हथियार अवैध थे। पुलिस भुइयांडीह गैंगवार में जब्त कर चुकी है। उसके पास अब हथियार नहीं है। अखिलेश सिंह को मारने के लिए उसने कभी नहीं सोचा। वहीं उससे पूछताछ करने वाले पुलिस अधिकारी की मानें तो अपराधी कितना सच बोलता है। यह हर कोई जानता है।