जमशेदपुर (ब्यूरो): गम्हरिया स्थित एक्सआईटीई में बुधवार को फैकल्टी द्वारा लिखित पुस्तक &टुवाड्र्स सस्टेनेबल ग्रोथ इन इंडिया : कनेक्टिंग द मिसिंग&य का विमोचन किया गया। कॉलेज के प्राचार्य फादर फ्रांसिस ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र सतत विकास को ऐसे विकास के रूप में परिभाषित करता है, जो भविष्य की पीढिय़ों की अपनी जरूरतों को पूरा करने की क्षमता से समझौता किए बिना वर्तमान की जरूरतों को पूरा करता है। प्रो, सुष्मिता सेन ने कहा कि सस्टेनबल इंडिया ग्रोथ पर शिक्षकों ने जो शोध पत्र प्रस्तुत किया है, उसे पुस्तक में शामिल किया गया है, ताकि पुस्तक के जरिए देश के ग्रोथ पर भी विचार हो सके।

शोध कॉलेज के लिए अनिवार्य

उप प्राचार्य डॉ फादर मुक्ति क्लेरेंस एसजे ने कहा कि शोध कॉलेज के लिए अनिवार्य चीज है, जहां शोध नहीं होता वह पूर्ण रूप से कॉलेज नहीं है। हम चाहते हैं कि प्रत्येक प्रोफेसर शोध करें और हम उन्हें इसके लिए रिसोर्स भी देते हैं। यहां तक कि स्टूडेंट को भी शोध के लिए प्रेरित किया जाता है। कहा कि वर्ष 2023 जनवरी में पुस्तक लिखने की सोची। इसके बाद टाइटल चुना और तय किया कि कौन प्रोफेसर किस विंदु पर लिखेंगे। इसके बाद सस्टेनेबिलिटी पर फोकस किया गया और आज पुस्तक तैयार हुई। फादर मुक्ति क्लेरेंस एसजे ने पुस्तक का मार्गदर्शन और संपादन किया है, जबकि डॉ। संचिता घोष चौधरी और अकिंचन जाक्सा ने प्रूफ रीड किया है।

इनकी रही मौजूदगी

इस अवसर पर डॉक्टर पार्थ प्रिय दास, प्रोफेसर अमित, डॉ संचिता घोष चौधरी, प्रोफेसर शालू कांत, प्रोफेसर अकिंचन, प्रोफेसर सुष्मिता सेन, डॉ प्रमोद कुमार सिंह, डॉक्टर राधा महाली, डॉ राजेश कुमार राणा, प्रोफेसर शैलेश कुमार दुबे, नवल चौधरी उपस्थित थे।