CHAKRADHARPUR: चक्रधरपुर में रोज नए कारनामे देखने को मिलते हैं। सुदूर ग्राम्य क्षेत्र की बात तो दूर शहर के स्कूलों में भी छात्र-छात्राओं के साथ सही व्यवहार नहीं हो रहा। जब शिक्षा विभाग के नाक तले ही सब कुछ घटित हो रहा हो तो व्यवस्था व प्रणाली की हकीकात समझी जा सकती है। प्रखंड संसाधन केन्द्र चक्रधरपुर के पास स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय अंचल कॉलोनी में स्कूली छात्रों से पाठ्य पुस्तकों के बोरे ढुलवाए गए। वह भी एक नहीं कई बोरे, जिसे ढोने में बच्चों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। कड़ी धूप में बोरे ढोने के क्रम में एक छात्र बुरी तरह गिर भी गया, हालांकि बच्चे को चोट नहीं लगी, लेकिन इसे हलके में नहीं लिया जा सकता। स्कूल में सही शिक्षा दी जा रही हो या नहीं, लेकिन इतना तो जरूर है कि बच्चे मजदूरी करने का प्रशिक्षण जरूर हासिल कर रहे हैं। प्रखंड संसाधन केन्द्र से स्कूल के बीच चंद कदमों का फासला है, लेकिन विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक ने मजदूरों से काम लेने के बजाए बच्चों को ही काम में लगाना मुनासिब समझा। इससे मजदूरों को तो मेहताना जो नहीं देना पड़ा। इस बाबत पूछे जाने पर प्रभारी प्रधानाध्यापक निर्मल कुमार दुबे ने कहा कि मजदूरों को लाने बाजार जाना पड़ता। बच्चे स्कूल में थे, तो उनसे ही काम करवा लिया। वैसे काम का बिल देने पर राशि मिलती है।

-----------

पंचायतों में आधार पंजीकरण की मांग

CHAKRADHARPUR: चक्रधरपुर प्रखंड के भरनिया पंचायत मुखिया विजय सिंह सामड ने आधार पंजीकरण पंचायत स्तर पर फिर से चालू करने की मांग की है। इस बाबत उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी को मांग पत्र तथा प्रतिलिपि उपायुक्त को भी प्रेषित की है। सामड ने कहा कि आधार पंजीकरण पंचायत स्तर पर कराया जाए, ताकि पेंशनधारियों, विद्यार्थियों एवं राशन कार्डधारियों को योजनाओं का समुचित लाभ मिल सके।

-------------

डेढ घंटे विलंब से पहुंची इस्पात

CHAKRADHARPUR: डाउन टिटलागढ़ हावड़ा सुपरफास्ट इस्पात एक्सप्रेस ट्रेन मंगलवार को अपने निर्धारित समय से डेढ़ घंटे विलंब से चक्रधरपुर पहुंची। इस कारण टाटानगर, खडग़पुर, हावड़ा की ओर जाने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जानकारी के अनुसार इस्पात एक्सप्रेस की चक्रधरपुर पहुंचने का निरधारित समय दोपहर क्:क्0 बजे है। यह ट्रेन दोपहर ख्:फ्0 बजे चक्रधरपुर पहुंची। ट्रेन के यात्रियों ने बताया कि गोइलकेरा में इस्पात को काफी देर तक रोक कर हुजूर साहेब नांदेड़ साप्ताहिक ट्रेन को पास किया गया। इस वजह से ट्रेन विलंब से पहुंची।