-कर्बला व इमामबाड़ों पर चला फातेहा खानी का दौर

JAMSHEDPUR: शहर में पैगंबर-ए-अकरम के नवासे इमाम हुसैन अ। का चेहल्लुम पूरे अकीदत व एहतराम के साथ मनाया गया। मौके पर शहर में मजलिस व मातम का सिलसिला चला। मानगो के जाकिर नगर स्थित इमामबाड़े में शिया मुसलमानों ने मजलिस-ए-हुसैन का आयोजन किया। मजलिस के बाद नौहाखानी और सीनाजनी हुई। मजलिस को इलाहाबाद से आए मौलाना जहीर अब्बास ने पढ़ी। उन्होंने इमाम हुसैन की कर्बला में दी गई कुर्बानी का जिक्र किया। इसके अलावा, धतकीडीह, मानगो, साकची आदि स्थानों पर महिलाओं की भी मजलिस हुई। गौरतलब है कि इमाम हुसैन की शहादत क्0 मुहर्रम को कर्बला में हुई थी। इसके बाद मुसलमान हर साल इमाम हुसैन का चेहल्लुम मनाते हैं। साहबे हैसियत मुसलमान इस दिन इराक के कर्बला शहर जाकर इमाम की याद में हो रहे कार्यक्रम में हिस्सा लेते हैं और मौला के रौजे की जियारत करते हैं। कर्बला की घटना के बाद यजीद ने इमाम हुसैन के बेटे हजरत जैनुल आबेदीन और घर की महिलाओं को सीरिया के दमिश्क शहर में कैद कर लिया था। कैद से छूटने के बाद चेहल्लुम के दिन ही इमाम जैनुल आबेदीन के नेतृत्व में इमाम का काफिला कर्बला पहुंचा और गम मनाया गया।

बिष्टुपुर कर्बला में कुरआन खानी व लंगर

चेहल्लुम के मौके पर बिष्टुपुर कर्बला में कुरआन खानी और लंगर का कार्यक्रम हुआ। यह कार्यक्रम शोहदाए कर्बला कमेटी के अध्यक्ष अनवर अली की देखरेख में संपन्न हुआ। सुबह क्0.00 बजे से कुरआन खानी हुई। इसके बाद मौलाना ने फातेहा खानी कराई। नमाज के बाद कर्बला में सामूहिक दुआ हुई। अनवर अली ने बताया कि दुआ में भारत और झारखंड के विकास की दुआ की गई। साथ ही दुनिया भर के मुसलमानों की हिफाजत की दुआ की गई। इमाम हुसैन का चेहल्लुम शहर के विभिन्न अखाड़ों में भी मनाया गया। इस मौके पर लोगों ने कर्बला जाकर फातेहा खानी की तो वहीं अखाड़ों में भी फातेहा खानी का दौर चला। रौनक अखाड़े में कुरआन खानी और फातेहा खानी हुई। इस मौके पर जिक्र-ए-कर्बला कर इमाम हुसैन को याद किया गया।