जमशेदपुर (ब्यूरो): लोकसभा चुनाव में कुछ महीने ही रह गए हैं। राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारी कर रही हैं, तो लोगों के बीच भी मुद्दों पर चर्चा शुरू हो गई है। इस दौरान साफ छवि वालों को राजनीति में आने के साथ ही नेताओं का उम्र निर्धारित करने की बात भी सामने आई।

खास बातें

- क्रिमिनल ही सबसे ज्यादा राजनीति में आते हैं।

- साफ छवि के लोगों को आना चाहिए

- पॉलिटिकल साइंस पढऩे वाले स्टूडेंस्ट आएं राजनीति में

- नेताओं के लिए उम्र सीमा का होना चाहिए निर्धारण

नेताओं के लिए होनी चाहिए उम्र सीमा

राजनीति में आने वाले कभी रिटायर नहीं होते.ऐसा नहीं होना चाहिए। इनके लिए भी एक निश्चित उम्र सीमा होनी चाहिए.चल नहीं पा रहे, लेकिन मंत्री बन जाते हैं। इसमें सुधार होना चाहिए।

साफ छवि वाले नहीं आते राजनीति में

राजनीति में क्रिमिनल ही सबसे 'यादा आते हैं। साफ छवि वालों को इस क्षेत्र में आना चाहिए। साफ छवि वाले लोगों के राजनीति में न आने के कारण ही राजनीति को आज लोग गलत नजरों से देखते हैं।

निर्धारित हो शैक्षणिक योग्यता

नेताओं की शैक्षणिक योग्यता भी निर्धारित होनी चाहिए। पढ़े-लिखे लोग आएंगे, तो कुछ अ'छा काम करेंगे। अनपढ़ लोगों के इस क्षेत्र में आने से रोकने के लिए सख्त नियम बनाने की जरूरत है।

स्टूडेंट्स को आना चाहिए राजनीति में

स्थिति यह है कि स्टूडेंट पॉलिटिकल साइंस लेकर पढ़ाई तो करते हैं, लेकिन राजनीति में नहीं आते। स्टूडेंट्स को राजनीति में आना चाहिए। युवा और पढ़े लिखे लोग जब राजनीति में आएंगे, तो सभी का भला होगा।

राजनीति में आपराधिक प्रवृत्ति के लोग ही 'यादा आ रहे हैं। साफ-सुथरी छवि वाले लोगों को राजनीति में आना चाहिए.तभी देश और रा'य का विकास होगा।

वरिंदर कौर

राजनीति में परिवारवाद नहीं होना चाहिए। इससे अच्छे और बेहतर लोगों को आगे आने का मौका नहीं मिलता है। सभी को इस बात को समझने की जरूरत है।

अनिंदर कौर

नेताओं के लिए उम्र सीमा निर्धारित होनी चाहिए। जैसे नौकरी में 60 साल बाद रिटायरमेंट होता है, लेकिन राजनीति में कोई रिटायरमेंट नहीं होगा। इसपर विचार होना चाहिए।

इंदू झा

स्टूडेंट्स पॉलिटिकल साइंस तो पढ़ते हैं, लेकिन वे राजनीति में नहीं आते। ऐसे में पॉलिटिकल साइंस पढऩे का मतलब सार्थक नहीं हो पाता। स्टूडेंट्स को राजनीति में आना चाहिए।

बीएन शर्मा

यूथ को राजनीति में आना चाहिए। इससे राजनीति का कायाकल्प होगा और पुरानी व्यवस्था में सुधार की भी उम्मीद की जा सकती है। नेताओं के लिए उम्र सीमा भी होनी चाहिए।

जी यशोदा

आपराधिक छवि वाले लोगों को राजनीति से दूर रखने के साफ-सुथरी छवि वाले लोगों को इस क्षेत्र में आने की जरूरत है। इसके साथ ही परिवारवाद को भी राजनीति से दूर करना होगा।

प्रतिभा