जमशेदपुर (ब्यूरो): श्री श्री रामलीला उत्सव समिति द्वारा आयोजित भागवत कथा का वाचन करते हुए सर्वज्ञानंद महाराज ने कहा कि मित्रता कैसे निभाई जाए यह भगवान श्री कृष्ण और सुदामा जी से समझ सकते हैं। हमेशा धर्म की मार्ग पर चलें। कर्म करो, फल की इच्छा मत करो। कर्म करने वालों को उचित फल अवश्य मिलता हैं। भगवान के बताए सच्चाई के रास्ते पर चलने वाला भक्त जीवन में कभी भी हार का सामना नहीं करता है। कथावाचक ने आगे भागवत की महिमा का गुणगान किया। उन्होंने श्रीमदभागवत कथा के विषय पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि भागवत कथा मनोरंजन का साधन नहीं, जन जागरण का रूप है। कहा कि नकारात्मक मानसिक विचारों से ही मनुष्य का पतन होता है। श्रीमद्भागवत कथा देवताओं के लिए भी दुर्लभ है। श्रीमद्भागवत के अनुसरण से भक्त का कल्याण होता है और जीवन में सुख व शांति का अनुभव होता है। भागवत कथा के सातवें दिन शुक्रवार को हवन एवं पूर्णाहुति के साथ विश्राम होगा। गुरूवार को यजमान क्रमश: चंद्रा-हरे राम सिंह, गीता-बीएस जायसवाल थे।
इनकी रही उपस्थिति
कथा में छठवें दिन भी प्रमुख रूप से डॉ। डीपी शुक्ला, रामफल मिश्र, रामगोपाल चौधरी, शंकर सिंघल, नवल झा, महेश तिवारी, प्रदीप चौधरी, मनीष मिश्रा, अवधेश मिश्रा, रोहित मिश्रा, रामकेवल मिश्र, पवन अग्रहरी, मनोज कुमार मिश्र, संजय सिंह, प्रदीप चौधरी सहित अन्य मौजूद रहे।