-को-ऑपरेटिव कॉलेज के एक्स प्रिंसिपल डॉ आरके दास ने स्वास्थ्य जांच के लिए केयू द्वारा बनाए गए मेडिकल बोर्ड पर उठाया सवाल

-सस्पेंशन के बाद से मेडिकल लीव पर चल रहे डॉ दास

-मंगलवार को मामले की सुनवाई केयू में होनी थी पर 20 दिनों का समय मांगा डॉ दास ने

JAMSHEDPUR: को-ऑपरेटिव कॉलेज के एक्स प्रिंसिपल डॉ आरके दास ने यूनिवर्सिटी पर मानसिक रूप से प्रताडि़त करने का आरोप लगाया है। सस्पेंशन के बाद मेडिकल लीव पर चल रहे डॉ दास ने कहा कि आजतक ऐसा नहीं हुआ कि कॉलेज या यूनिवर्सिटी के किसी टीचर या स्टाफ के मेडिकल लीव पर होने की स्थिति में यूनिवर्सिटी द्वारा मेडिकल बोर्ड गठित कर उस टीचर और स्टाफ की जांच कराई जाए। उन्होंने यूनिवर्सिटी द्वारा मेडिकल बोर्ड गठित करने को एक साजिश बताया और कहा कि यह सिर्फ उन्हें परेशान करने के लिए किया जा रहा।

तो डॉक्यूमेंट्स कहां से लाएंगे

डॉ दास पर लगे आरोपों पर मंगलवार को उन्हें केयू हेड ऑफिस में पक्ष रखना था। डॉ दास ने कहा कि उनकी तबियत भी ठीक नहीं और दूसरी बात कि वे कॉलेज में नहीं हैं इसलिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स अवेलबल कराना उनके लिए मुश्किल है। उनका कहना था कि ख्0 दिनों का समय मांगा गया था, ताकि तबतक उनकी तबियत ठीक हो जाए और वे अपना पक्ष रखने जा पाएं।

आजतक कभी ऐसा नहीं हुआ होगा कि किसी प्रिंसिपल या टीचर की तबियत खराब होने पर उसकी जांच के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया हो। मुझे मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है। मामला जब कोर्ट में है, तो इसपर कोई कैसे कुछ कर सकता है।

- डॉ आरके दास, एक्स प्रिंसिपल को-ऑपरेटिव कॉलेज

मेडिकल बोर्ड सिर्फ डॉ दास के लिए नहीं गठित की गई है। यूनिवर्सिटी के कोई भी टीचर या स्टाफ मेडिकल लीव पर होंगे, तो उनके स्वास्थ्य की जांच यह बोर्ड करेगा। अगर सच में किसी की तबीयत खराब है तो उन्हें चिंतित होने की क्या जरूरत।

- डॉ आरपीपी सिंह, वीसी केयू