छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : शहर नशीली दवाइयों की गढ़ बन चुका है। इसे गंभीरता से लेते हुए ड्रग कंट्रोलर रितू सहाय ने औषधि विभाग को एक पत्र लिखकर शहर के आधे दर्जन मेडिकल दुकानों की रिपोर्ट तलब की है। ड्रग कंट्रोलर को इन सभी दुकानों पर भारी मात्रा में नशीली दवाएं पहुंचने की सुचना मिली है। जिसे देखते हुए बीते छह माह की इससे संबंधित पूरी जानकारी मांगी गयी है। रिपोर्ट में दवा की आवक, कहां-कहां हुई सप्लाई सहित अन्य बिंदु शामिल है। वहीं औषधि विभाग ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए सभी आधे दर्जन दुकानों को लेटर के जरिए से जल्द रिपोर्ट जमा करने को सख्त निर्देश दिया है। ताकि ड्रग कंट्रोलर को समय पर रिपोर्ट भेजा जा सके। कुछ दिनों पूर्व जुगसलाई स्थित सरायवाला डिस्ट्रीब्यूटर (थोक दवा विक्रेता) के यहां पर भारी मात्रा में नशीली दवाओं की फर्जी बिल पाया गया था। इसके साथ ही और भी कई छोटे-बड़े मेडिकल स्टोरों पर इस तरह की गड़बड़ी मिली थी। उसके आधार पर आगे की कार्रवाई जारी है।

पांच दुकानदारों ने कराया फर्जीवाड़ा का मामला दर्ज

सरायवाला डिस्ट्रीब्यूटर ने प्रदेश के जिन-जिन मेडिकल दुकानों पर नशीली दवाएं सप्लाई की फर्जी बिल औषधि विभाग को सौंपी थी। उसमें से अबतक कुल पांच दुकानदारों ने सरायवाला डिस्ट्रीब्यूटर पर फर्जीवाड़ा का मामला दर्ज करा चुका है। हालांकि यह आंकड़ा धीरे-धीरे बढ़ ही रहा है। सरायवाला डिस्ट्रीब्यूटर की जांच रिपोर्ट में गुवा, झुमरीतलैया, मनोहरपुर, हरहरगुट्टू, चांडिल, जगन्नाथपुर, राजनगर, जुड़ी, जागुगोड़ा, बारीगोड़ा सहित प्रदेश के करीब 600 दुकानों में नशीली दवाइयां सप्लाई करने की बात कहीं गई थी। जबकि इसमें से आधे से अधिक फर्जी दुकान व बिल शामिल है।

यह हैं नशीली दवाएं

एक मेडिकल स्टोर के संचालक ने बताया कि युवाओं में तेजी से नशीली दवाएं का चलन बढ़ा है। कम आय वाले जो कि शराब या फिर स्मैक नहीं खरीद सकते हैं वह कोरेक्स, अल्प्राजोलम, कार्डिलेक्स, लिबोलीन, आयोडेक्स, व्हाइटनर, अलप्रक्स टेबलेट सहित अन्य का प्रयोग करते हैं। कई नशेड़ी तो आयोडेक्स को ब्रेड में लगाकर खा रहे हैं।

ड्रग कंट्रोलर ने यहां से मांगी रिपोर्ट

- रवि फार्मा, साकची।

- अग्रवाल डिस्ट्रीब्यूटर, साकची।

- अमीन फार्मा, बिष्टुपुर।

- केके फार्मा, जुगसलाई।

- मां तारा, जुगसलाई।

- सरायवाला प्राइवेट लिमिटेड, जुगसलाई।