-घरों में सो रहे लोग जान बचाकर भाग निकले

-नोवामुंडी के बस्ती जामदा गांव के मानकी टोला व दिरीबुरु पापारी हातु की है घटना

NOWAMUNDI : नोवामुंडी वन क्षेत्र के बस्ती जामदा गांव के मानकी टोला व दिरीबुरु पापारी हातु में गुरुवार रात को गजराजों ने जमकर उत्पात मचाया। तीन शिशु हाथी समेत लगभग क्8 की संख्या में गांव पहुंचे जंगली हाथियों ने 7 घरों को तोड़कर घर पर रखे गए धान, चावल व हडि़या खा गए। घर पर सो रहे लोग किसी तरह जान बचाकर भागने में सफल रहे। घटना की शाम लगभग 7 बजते ही गजराजों ने दिरीबुरु गांव के पापारी हातु में प्रवेश कर गए। वहां बिरसा चाम्पिया के घर को पूरी तरह से ढहने के बाद अर्जुन चाम्पिया के घर को निशाना बनाया। हाथियों के झुंड देखकर समूचे परिवार किसी तरह घर से भागकर जान बचा लिया। ग्रामीणों की भीड़ मशाल जलाकर हाथियों को भगाने के लिए पीछे-पीछे दौड़ रहे थे। दूसरी ओर हाथियों ने भी ठस से मस नहीं हो रहे थे। दिरीबुरु गांव से किसी तरह निकालकर जामदा बस्ती के मानकी साई टोला में लगभग दो घंटे तक इधर से उधर भटकते फिर रहे थे। यहां सबसे पहले डिलका चातोम्बा के मकान के दिवार को सूंड़ से छेद करने के बाद घर के अंदर रखे चावल, धान, गेहूं निकालकर खा गए। घर के दिवार शरीर पर गिरते ही गहरी निद्रा में अकेली सो रही बालेमा चातोम्बा दरवाजे खोलकर किसी तरह भागकर जान बचा ली। मंगलसिंह चातोम्बा के दीवार को तोड़ने के बाद घरेलू सामानों को क्षतिग्रस्त कर दिया। चावल, दाल, गेहूं व आटा भी खा गए। दीवार के मिट्टी गिरने से पलंग भी टूट गया। जाते-जाते शुक्रवार को होनेवाले माघे पर्व को लेकर बनाए गए तीन हंडी हडि़या भी लेते गए। इसके अलावा पुरनो महाराणा, वीरेन महाराणा, रोया चातोम्बा आदि के मकानों को भी तोड़ दिया गया.लिपुंगा गांव में भी कांडे चातोम्बा नामक सेलकर्मी के मकान को बुधवार की रात को तोड़ दी है। मानकी कृष्ण चातोम्बा ने क्षतिग्रस्त मकानों की सूची बनाकर वन विभाग से मुआवजा दिलाने के लिए रेंजर आनंद बिहारी को तस्वीर समेत आवेदन सौंपा है।