-आई नेक्स्ट के 'इज्जत करो' कैंपेन के तहत हम पहुंचे साकची

-लिया लड़कियों-महिलाओं की सुरक्षा का जायजा

JAMSHEDPUR : सड़क पर चले तो आते-जाते मजनू छींटाकशी करते हैं। बस और ऑटो में सफर करना हमारे लिए आसान नहीं होता। पब्लिक ट्रांसपोर्ट में लड़कियां बेखौफ सफर करें इसके लिए नियम कानून तो बहुत हैं लेकिन उनका इंप्लीमेंटेशन नहीं किया जाता। यह कहना था सपना का। नवरात्रि के मौके पर आई नेक्स्ट के 'इज्जत करो' कैंपेन के तहत हम पहुंचे साकची।

कहां गई वर्दी और बैज

स्थान:: साकची बस स्टैंड के पास

समय: दोपहर ख्.फ्0 बजे

साकची बस स्टैंड के पास मिनी बसेज का आना-जाना जारी है। इसी बीच एक बस आती है। काफी लड़कियां बस से नीचे उतरती हैं। कुछ बस में सवार होने के लिए भी खड़ी हैं, लेकिन बस के कंडक्टर ने मानों जमीन पर कदम नहीं रखने की कसम खाई हो। वो गेट के पास बस की सीढ़ीयों पर ही खड़ा रहता है। लड़कियां किसी तरह सिमट कर बस से नीचे उतरती हैं। एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा लंबे समय से सिटी बसों में ड्राइवर और कंडक्टर्स के लिए यूनिफॉर्म और बैज आवश्यक बनाने के लिए आदेश जारी किया जाता रहा है, लेकिन इसका कोई फर्क नहीं दिखता। यहां भी कुछ ऐसी ही स्थिति थी। ना तो बस ड्राइवर ने यूनिफॉर्म पहना था और ना कंडक्टर ने। ऐसे में लड़कियों के पास बस स्टाफ को पहचानने का कोई जरिया नहीं

ऑटो में बजता है अश्लील गाना

स्थान: साकची गोलचक्कर

समय: फ्.00 बजे

मानगो की तरफ जाने वाले ऑटो के इंतजार में कुछ लड़कियां साकची गोलचक्कर पर खड़ी हैं। पैसेंजर को देख ऑटो भी तेजी से पहुंचता है वहां। ऑटो के रुकने से पहले ही उसमें से अश्लील गाने की आवाज आती है। ऑटो पर सवार होने के लिए बढ़े लड़कियों के कदम गाना सुनकर ठिठक जाते हैं। लड़कियों ने दूसरे ऑटो पर बैठने का डिसीजन लिया, लेकिन दूसरा ऑटो अगर उपलब्ध ना हो तो फिर ये डिसीजन नही लिया जा सकता या फिर ऑटो में बैठने के बाद गाना बजे तो भी परेशानी। इस परेशानी से शहर की लड़कियों-महिलाओं को अक्सर जूझना पड़ता है। कई ऑटो में फुल साउंड में गाने बजते रहते हैं। ऑटो ड्राइवर को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि ऑटो में लड़की या महिला सवार है। कई बार ऐसे गाने बजते हैं कि लड़कियां असहज महसूस करती हैं, लेकिन इसकी किसी को परवाह नहीं दिखती।