ष्ट॥न्ढ्ढक्चन्स्न् : काजल खंडाईत हत्याकांड मामले में प्रेमी विश्वनाथ खंडाईत ने काजल की हत्या करने का आरोप काजल के तीन भाईयों राजू खंडाइत, अनिल खंडाइत और बीजू खंडाइत पर लगाया है। इस संबंध में विश्वनाथ ने भी हाटगम्हरिया थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।

क्या था मामला

दर्ज प्राथमिकी में बताया गया है कि काजल और उसके बीच पिछले एक साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। इसी क्रम में 30 जनवरी को दोनों ने भाग कर शादी कर ली और अपने घर रूईया गांव के टोला महाबुरूसाई आ गए। इसके कुछ देर बाद काजल के तीनों भाई और मां रूईया गांव आ पहुंचे। उनलोगों ने गाली गलौज कर काजल के साथ मारपीट की और उसे अपने साथ कालीमाटी गांव ले गए। लेकिन काजल भाग कर पुन: रूइया गांव आ गई और विश्वनाथ की मां से कहा कि मुझे कहीं छिपा दे नहीं तो वे लोग मुझे मार देंगे। इस पर विश्वनाथ की मां ने उसे छिपा दिया। 31 जनवरी को काजल के तीनों भाई विश्वनाथ के घर का ताला तोड़कर घूस गए और काजल को डंडे से मारना शुरू कर दिया। इसके बाद राजू ने काजल का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी और फंदे से लटका दिया। इसके बाद वे लोग वहां से भाग निकले।

रेलकर्मी ने फांसी लगाई

सहायक मंडल अभियंता कार्यालय, डांगुवापोसी में फांसी लगाकर एक रेलकर्मी ने आत्महत्या कर ली। घटना सोमवार मध्य रात्रि की है। मृतक रेलकर्मी का नाम बलराम खिलार है। बलराम डांगुवापोसी से मात्र 1 किलोमीटर स्थित गौड़दिघिया गांव का निवासी था। वह सहायक मंडल अभियंता कार्यालय में चौकीदार का काम करता था। घटना की सूचना मिलते ही रेल पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर आस्पताल, चाईबासा भेज दिया। पुलिस ने सहायक मंडल अभियंता कार्यालय में लाश को कार्यालय के अन्दर तार से झुलता हुआ पाया। लाश पर खून के धब्बे थे। गले में भी जख्म होने की बात कही जा रही है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। घटना की खबर मिलते ही रेल कर्मचारी और ग्रामीण कार्यालय के समीप जमा हो गए। जानकारी के अनुसार कलैईया पंचायत के गौड़दिघिया गांव का रहने वाले बलराम खिलार सहायक मंडल अभियंता कार्यालय, डांगुवापोसी में चौकीदार का काम करता था। बलराम की ड्यूटी शाम 6 बजे से सुबह 6 तक रहती थी। वह शांत स्वभाव का था। उसकी किसी के साथ कोई आपसी रंजिश नहीं थी। बताया जा रहा है कि बलराम ट्रैकमैन था, लेकिन उक्त कार्यालय में चौकीदार का काम करता था। घटना वाली रात वह ड्यूटी पर था।