मोस्ट वांटेड नक्सली रंजीत पाल के लिए वसूली करते थे कालाचांद और शिमंतो पाल

नक्सली पर्चा, पिस्तौल, मोटरसाइकिल, मोबाइल और कारतूस जब्त

छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : नहर निर्माण के ठेकेदार अशोक अग्रवाल से लेवी वसूली करने के आरोप में पुलिस और सीआरपीएफ की टीम ने घाटशिला अनुमंडल के माहताम निवासी कालाचांद और शिमंतो पाल को गिरफ्तार किया है। इनके पास से ढाई लाख रुपये नगद, मोटरसाइकिल, पिस्तौल, आठ एमएम की तीन कारतूस, दो मोबाइल और माओवादी पर्चा बरामद किया गया है। गिरफ्तार दोनों नक्सली जमशेदपुर के झामुमो सांसद सुनिल महतो की हत्या समेत कई उग्रवादी घटना के मास्टर माइंड वांटेड बंगाल के बांकुड़ा जिले के निवासी राहुल उर्फ रंजीत पाल के लिए काम करते थे। यह जानकारी एसएसपी अनूप टी मैथ्यू ने शुक्रवार को दी। मौके पर ग्रामीण एसपी शैलेंद्र कुमार सिन्हा, सीआरपीएफ 193 बटालियन के द्वितीय कमान समादेष्टा जयराम प्रसाद उप समादेष्टा, घाटशिला अनुमंडल के पुलिस पदाधिकारी संजीव कुमार बेसरा, घाटशिला थाना प्रभारी विमल कुमार सिंह और सीआरपीएफ के जवान मौजूद थे। एसएसपी ने बताया कि पकड़े गए नक्सली संगठन के समर्थकों ने बताया कि पूर्व में लेवी का पैसा वसूल कर नक्सली राहुल पाल को पहुंचाते रहे है।

ऐसे पकड़ा गया

0 जुलाई को ग्रामीण एसपी और सीआरपीएफ के द्वितीय समादेष्टा के नेतृत्व में उग्रवादियों के खिलाफ अ िायान चलाया जा रहा था। नौ बजे सुबह चेंगजोड़ा गांव के पास पहुंचने पर दो व्यक्ति मोटरसाइकिल से जंगल की ओर जा रहे थे, जिन्हें अभियान दल ने रोककर पूछताछ की। जांच-पड़ताल किया गया। दोनों ने अपना नाम कालाचांद और शिमंतो पाल बताया। तलाशी में इनके पास से लेवी का ढाई लाख रुपये नगद समेत अन्य सामान बरामद किए गए। बताया गया कि घाटशिला के ठेकेदार अशोक अग्रवाल के मुंशी छोटू महतो से लेवी का पैसा लेकर नक्सली राहुल उर्फ रंजीत पाल को पहुंचाने जा रहे थे। जो कांडाडूबा क्षेत्र में था। जो कहीं निकल गया।

। तो होगी कार्रवाई

एसएसपी ने बताया कि नक्सलियों को आर्थिक मदद पहुंचाने वाले ठेकेदार अशोक अग्रवाल और उसके मुंशी छोटू महतो पर ाी कानूनी कार्रवाई की जाएगी, ताकि नक्सलियों के आर्थिक स्रोत को कमजोर किया जा सके।

टेंडर का पांच फीसदी लेवी मांगते नक्सली

एसएसपी ने बताया कि ऐसी जानकारी मिली है कि नक्सली प्रभावित क्षेत्र में नक्सली संगठन टेंडर राशि के पांच फीसद लेवी के रुप में ठेकेदारों से वसूली करते है। लेवी वसूली नक्सलियों का आर्थिक स्रोत है। इसे रोकने से नक्सली आर्थिक रुप से पंगु हो जाएंगे। जिस किसी से भी नक्सली लेवी मांगते है तो इसकी सूचना पुलिस को दे। पुलिस सुरक्षा प्रदान करेगी।