ष्ट॥न्ढ्ढक्चन्स्न्: केंद्र सरकार के उदासीन रवैये के विरोध में आहूत ग्रामीण बैंकों की हड़ताल बुधवार शाम को समाप्त हो गई। गुरुवार से बैंक सुचारू ढंग से चलेगा। इस तीन दिवसीय हड़ताल से करीब 40 करोड़ का कारोबार सिंहभूम में प्रभावित होने की बात यूनियन नेता कह रहे हैं। बुधवार को भी यूनियन के राज्य सचिव तीर्थ राजमणि तिवारी, संगठन सचिव संदीप पीटर्स और सहायक सचिव संतोष दास के नेतृत्व में ऑफिसर व कर्मचारी क्षेत्रीय कार्यालय चाईबासा में धरने पर बैठे। इस वजह से बैंक शाखाओं में तीसरे दिन भी कामकाज ठप रहा.इस दौरान सरकार की नीतियों का जमकर विरोध किया गया। यूनाइटेड फोरम ऑफ आरआरबी यूनियंस के राज्य सचिव टीआरएम तिवारी ने बताया कि सात सूत्री मांगों को लेकर दिल्ली में धरना दिया था और 20 मार्च को धरने के दौरान उनके एक प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा था। 21 मार्च को लेबर कमिश्नर की मध्यस्थता में उनका प्रतिनिधिमंडल भारत सरकार के नुमाइंदों से मिला लेकिन हमेशा की तरह आश्वासन ही मिला जिससे मजबूरी में हड़ताल करनी पड़ रही है। अगर उनकी जायज मांगों पर शीघ्र ही कोई कदम नहीं उठाया गया तो हमलोग बेमियादी हड़ताल भी करेंगे। धरना देने वालों में गोपाल साव, शशी प्रसाद, सुभाशीष, सुरेश गोप, सुबोध कुमार, मानकी होनहागा, जयप्रकाश तामसोय, संतोष दास, भीप पान, बुधराय साव, कमल माहंती, रमेश पुरती, गो¨वद निषाद, रोहिनी कुंकल, कृष्णा साव, अर्जुन देवगम, चंद्रमोहन आल्डा आदि शामिल थे।