-हैंड पंप घोटाले की जांच के लिए बागबेड़ा पहुंची टीम, घरों के अंदर सार्वजनिक हैंड पंप लगाने की हुई जांच
-सुप्रिंटेंडिंग इंजीनियर के साथ स्पेशल राशनिंग ऑफिसर भी पहुंचे, आई नेक्स्ट की खबर को सही पाया
-सांसद विद्युत वरण महतो बाले, 17 को मीटिंग में पीएचईडी के अधिकारियों से घोटाले के बारे में पूछेंगे
-विधायक मेनका सरदार ने घोटाले में शामिल ऑफिसर और लोगों को सजा दिलाने की बात कही
JAMSHEDPUR: बागबेड़ा में हैंड पंप घोटाले की जांच के लिए गुरुवार को टीम पहुंची। पीएचईडी के सुप्रिंटेंडिंग इंजीनियर राजेंद्र प्रसाद के साथ स्पेशल राशनिंग ऑफिसर अनिल कुमार रॉय जांच को पहुंचे। जांच टीम ने प्राइवेट घरों के अंदर सार्वजनिक हैंड पंप लगे पाए और कई हैंड पंप्स के पाइप भी निकाले जाने की बात सही पाई गई। आई नेक्स्ट ने ही इस हैंड पंप घोटाले को उजागर किया। हमने अपनी खबरों के माध्यम से आपको बताया कि बागबेड़ा एरिया में एक तरफ लोगों को पानी की समस्या है तो दूसरी तरफ सार्वजनिक हैंड पंप्स घरों के अंदर लगाने और काफी संख्या में हैंड पंप्स को डेड डिक्लेयर कर उसके पाइप निकालकर बेचने का खेल चल रहा है।
घेरे को हटा लिया
घर के अंदर सार्वजनिक हैंड पंप को लगाए जाने की जांच की भनक लगते ही वे सभी लोग एक्टिव हो गए जिनके घर के अंदर हैंड पंप्स लगाए गए हैं। हमने पहले भी कैंपस के अंदर लगे हैंड पंप का फोटोग्राफ पब्लिश किया था जिसमें हैंड पंप को घेरे में ले रखा था। जांच के लिए टीम के पहुंचने से पहले ही उस घेरे को हटा लिया गया।
बाद में बोलना ही पड़ा
जांच के लिए पहुंचे सुप्रिंटेंडिंग इंजीनियर राजेंद्र प्रसाद से जब हमने पूछा कि जांच में उन्होंने क्या पाया तो वे पहले तो कुछ बोलने को तैयार नहीं थे। टालमटोल वाली बात करते रहे। जब यह सवाल फिर से पूछा गया तो उनका कहना था कि जो सच है वह कैसे छिपेगा। जो था वह उन्होंने देख लिया है। बेमन से ही सही पर उन्होंने माना कि प्राइवेट घरों के अंदर सार्वजनिक हैंड पंप लगाए गए हैं। उनके साथ गए स्पेशल राशनिंग ऑफिसर अनिल कुमार रॉय ने कहा कि तीन घरों के अंदर सार्वजनिक हैंड पंप लगे पाए गए हैं और इसका जवाब इंजीनियर साहब को ही देना चाहिए।
मैंने सार्वजनिक हैंड पंपों को घरों के अंदर लगाए जाने को लेकर सुप्रिंटेंडिंग इंजीनियर के यहां रिटेन कंप्लेन की थी। मुझ पर दबाव बनाया गया कि मैं कंप्लेन वापस ले लूं।
- सुनिल तिवारी, मध्य बागबेड़ा पंचायत समिति के मेंबर
मैंने तीन घरों के अंदर सार्वजनिक हैंड पंप लगा हुआ देखा। यह कैसे हुआ यह तो पीएचईडी के इंजीनियर ही बात सकते हैं। कुछ ही दिनों पहले लगाए गए कई हैंड पंप सूखे हुए मिले। इस मामले की विस्तृत जांच की जरूरत है। इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। मैं अपनी रिपोर्ट डीसी को दूंगा।
- अनिल कुमार रॉय, स्पेशल राशनिंग ऑफिसर
मैं जांच कर रहा हूं। मैंने सब देख लिया है। घर के अंदर हैंड पंप लगा है तो उसे कोई छिपा तो सकता नहीं। सभी पहलूओं की जांच की जाएगी।
- राजेंद्र प्रसाद, सुप्रिंटेंडिंग इंजीनियर, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग
मैंने जांच करने के लिए सुप्रिंटेंडिंग इंजीनियर को कहा था। सही बात सामने लाई जाएगी और जो भी दोषी पाए जाएंगे उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
- एपी सिंह, सेक्रेटरी, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग
हैंड पंप घोटाले में जो भी शामिल होगा उसे छोड़ा नहीं जाएगा। आम लोगों का हक कोई नहीं छीन सकता। जो इस मामले में लीपापोती करने की कोशिश करेगा उसे भी नहीं छोड़ा जाएगा। मैं तुरंत सुप्रिंटेंडिंग इंजीनियर से बात करती हूं।
- मेनका सरदार, एमएलए पोटका
क्7 को मीटिंग होगी, घोटाले का मुद्दा उठेगा
बागबेड़ा में हैंड पंप घोटाले और पानी की समस्या को लेकर हमने जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो से बात की। उनका क्या कहना था, आइए जानते हैं
सवाल - बागबेड़ा में पानी की समस्या है और वहीं पर हैंड पंप घोटाला भी सामने आया है। आपको इसकी जानकारी मिली है?
जवाब - हां, इसकी जानकारी मुझे आपके अखबार के माध्यम से मिली। मैं इस मुद्दे पर क्7 अप्रैल को डीसी के साथ मीटिंग करूंगा और उसमें पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों को भी बुलाया जाएगा।
सवाल - मीटिंग में आपके लिए अहम मुद्दा क्या होगा?
जवाब - पानी की समस्या पर तो बात होगी ही, साथ ही डीसी के सामने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों से सवाल करूंगा कि हैंड पंप घोटाले में उन्होंने क्या किया। जो दोषी हैं उसके खिलाफ एक्शन लिया गया या नहीं।
सवाल - उस एरिया में कई हैंड पंपों को डेड डिक्लेयर कर उसके पाइप बेचे जा रहे हैं। इसकी भी जानकारी आपको जरूर होगी?
जवाब - हां, इसकी भी जानकारी है। मैं तो जब एमएलए था तब मैंने एक बार पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों से पिछले चार साल में वैसे हैंड पंपों का डिटेल मांगा था जिसे खराब घोषित कर उसके पाइप और दूसरे पार्ट्स बेच दिए गए थे। आपको आश्चर्य होगा कि उनके पास मेरे सवाल का कोई जवाब नहीं था।
सवाल - बागबेड़ा में हमने कई समस्याएं देखीं। वहां गंदे तालाब में महिलाएं नहाने को मजबूर हैं, वहीं घर के बर्तन भी धोती हैं?
जवाब - यह तो सही बात है। हम कोशिश कर रहे हैं कि तालाब की स्थिति सही कर दें। उसे घेर दिया जाएगा और उसमें फ्रेश पानी भरा जाएगा। उसमें पाइप भी लगाया जाएगा ताकि पानी गंदा होने पर उसे निकालकर उसकी मिट्टी को बदल दिया जाए।
सवाल - बागबेड़ा और छोटा गोविंदपुर एरिया में पानी की समस्या का परमानेंट सॉल्यूशन क्या है?
जवाब - परमानेंट सॉल्यूशन निकाला जा रहा है। बागबेड़ा और छोटा गोविंदपुर जलापूर्ति योजना को लेकर सरकार गंभीर है। मैंने सीएम और मंत्री से बात की है। वर्ल्ड बैंक की टीम भी आई थी। परमानेंट सॉल्यूशन जल्दी निकलेगा।