जमशेदपुर (ब्यूरो): सरायकेला-खरसावां जिला के गम्हरिया प्रखंड के मुडिय़ा पंचायत स्थित डीडी स्टील एंड पॉवर लिमिटेड के प्रदूषण का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल), कोलकाता बेंच ने विगत 3 अक्टूबर को सुनवाई के बाद तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया है। इतना ही नहीं एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं झारखंड रा'य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ वैज्ञानिकों देखरेख में चार हफ्तों के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। मामले में याचिकाकर्ता के पैरवीकार अधिवक्ता रविशंकर पांडेय ने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इस मामले को गंभीर बताते हुए तत्काल केंदीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं सरायकेला-खरसावां के उपायुक्त वाली तीन सदस्यीय जांच टीम के गठन का निर्देश जारी किया है। यह टीम चार हफ्तों के भीतर डीडी स्टील एंड पावर लिमिटेड द्वारा पर्यावरण को क्षति पहुंचाने का आकलन करते हुए जुर्माना राशि का भी निर्धारण करेगी।

कोई सुनने वाला नहीं

स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार डीडी स्टील एंड पावर लिमिटेड का धुंआ मुडिय़ा पंचायत के कई ग्रामीणों की जान ले चुका है। कंपनी के धुंए से जान गवां बैठे एक स्थानीय आदिवासी युवक के पिता मुडिय़ा निवासी रामेश्वर हो ने बताया कि कुछ दिन पहले उनका इकलौता बेटा डीडी स्टील के धुएं की वजह से दमा और टीबी का शिकार हो गया था। वे लोग झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं उपायुक्त सरायकेला को इसकी शिकायत कर कर थक चुके हैं पर डी डी स्टील के मालिक पैसे के बल पर अधिकारियों को प्रभावित कर, अबतक पूरे क्षेत्र में जानलेवा प्रदूषण फैलाने का कार्य कर रहे हैं।

क्षेत्र की जैव विविधता हो रही नष्ट

शिकायतकर्ता के वकील ने वर्तमान स्थिति को विस्फोटक बताते हुए एनजीटी से तत्काल कंपनी को बंद कर पर्यावरण को हुए नुकसान का आकलन करने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही साथ डीडी स्टील को पूरे सरायकेला क्षेत्र के जैव विविधता के लिए एक बड़ा खतरा भी बताया।