- युवक को बंधक बनाने, युवती से दु‌र्व्यवहार करने का मामला

- समझौते के बाद मामला हुआ शांत

JAMSHEDPUR: उलीडीह थाना अंतर्गत डिमना चौक के पास स्थित एजिस कॉल सेंटर में शनिवार को जमकर हंगामा व मारपीट हुई। घटना की जानकारी मिलते ही उलीडीह थाना प्रभारी सुषमा कुमारी अन्य पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचीं। पुलिस के पहुंचने के बाद भी करीब दो घंटे तक हंगामा होता रहा।

क्या है मामला?

जानकारी के मुताबिक एजिस कॉल सेंटर में काम करने वाले उमंग तिवारी नामक इंप्लॉई को गुरुवार को अधिकारियों ने छह घंटे तक सेंटर में बंधक बनाकर रखा उसे बाहर नहीं जाने दिया। उसका मोबाइल भी रख लिया गया। उसको टॉर्चर किया गया। जब उमंग अपने घर नहीं पहुंचा तो परिजन खोजते हुए कॉल सेंटर पहुंचे। परिजन के पहुंचने पर उसे छोड़ दिया गया। यह मामला अंदर ही अंदर सुलग रहा था। इसकी शिकायत कर्मचारियों ने स्टूडेंट लीडर और रेडिकल स्टूडेंट एंड यूथ हेल्पलाइन की प्रेसिडेंट अर्चना सिंह को दी। शनिवार की सुबह 9 बजे अर्चना सिंह, मनोज सिंह, अभिनंदन व अन्य लोगों के साथ कॉल सेंटर पहुंची और एजिस कॉल सेंटर को बंद कर दिया। उन्होंने प्रबंधक को बुलाने की मांग की। इसकी जानकारी एजिस कॉल सेंटर के प्रमुख विमल शर्मा को दी गयी। मामले की नजाकत समझ कर वह मौके पर पहुंचे। विमल शर्मा जैसे ही पहुंचे मनोज सिंह ने उसकी पिटाई कर दी। इसके बाद हंगामा बढ़ गया। दोनों ओर से तु-तू, मैं-मैं हाेता रहा।

टॉयलेट भी नहीं जाने दिया जाता

महिला कर्मचारी रिया वर्मा ने भी मौके पर आपबीती सुनाई। रिया ने आरोप लगाया कि शिफ्ट इंचार्ज यशपाल सिंह उसके साथ ही अन्य महिला कर्मचारियों से दु‌र्व्यवहार करता है। रिया ने आरोप लगाया कि टॉयलेट भी नहीं जाने दिया जाता है। इससे महिला कर्मचारियों में रोश था। इसके अलावा कुछ कर्मचारियों को काम नहीं करने का बहाना बनाकर बाहर का रास्ता भी दिखा दिया गया था। इससे आक्रोशित युवक-युवतियां हंगामा करने लगे। अंत में नेत्री अर्चना सिंह, भाजपा नेता विकास सिंह, राजेश सिंह, मनोज सिंह, विमल शर्मा व थाना प्रभारी के समक्ष समझौता हुआ। इसमें एजिस के दोषी पदाधिकारियों द्वारा माफी मांगने, लिखित समझौता के साथ ही फ्यूचर में कर्मचारियों को बंधक नहीं बनाने, महिला कर्मचारियों से दु‌र्व्यवहार नहीं होने के आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ।

उमंग के साथ गलत व्यवहार नहीं किया। उसने कंप्यूटर से कुछ डॉक्यूमेंट्स के फोटोग्राफ अपने मोबाइल से लेकर बाहर भेजा था। उससे पूछताछ की गई थी। उसने माना भी कि उसने ऐसा किया था। लड़कियों के साथ गलत व्यवहार करने की बात है तो जिसपर आरोप लगा था उनसे माफी मांगने को कहा गया। बाद में पता चला कि शिफ्ट इंचार्ज पर भी झूठे आरोप लगे थे। यहां एक हजार लड़कियां काम करती हैं, किसी को प्रॉब्लम तो नहीं हुई।

- विमल शर्मा, सेंटर हेड एजिस कॉल सेंटर

एजिस कॉल सेंटर में लड़कियों और लड़कों के साथ गलत व्यवहार किया जाता है। उन्हें टॉर्चर किया जाता है। इसकी सूचना मिलने पर हम वहां पहुंचे। समझौता हुआ कि आगे से ऐसा नहीं होगा।

- अर्चना सिंह, स्टूडेंट लीडर