- महानगर भाजपा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर होने वाली रायशुमारी के दौरान हुआ बवाल

-पुलिस के हस्तक्षेप के बाद शांत हुआ मामला

छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: महानगर भाजपा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर होने वाली रायशुमारी के दौरान शनिवार को बिष्टुपुर स्थित तुलसी भवन कैंपस में जमकर बवाल हुआ। हंगामा आरएसएस के चंद कार्यकर्ताओं ने शुरू किया। आरएसएस कार्यकर्ताओं के उत्पात के सामने महानगर भाजपा के सैकड़ों नेता व कार्यकर्ता बौने साबित हुए। आरएसएस से जुड़े कार्यकर्ता बांस-बल्ली से लैस होकर जय श्रीराम का नारा लगाते हुए तुलसी भवन में पहुंचे। रायशुमारी शुरू होनी थी। इस दौरान तुलसी भवन कैंपस कुछ मिनटों के लिए लड़ाई का मैदान बन गया। इसके बाद भगदड़ मच गई। सैकड़ों कुर्सी को तोड़ दिया गया। पर्यवेक्षक, संयोजक व अन्य अतिथियों के लिए लगाए गए टेबुल को गिरा दिए गए। इसमें दर्जनों लोग घायल हुए।

रायशुमारी स्थगित

प्रतिशोध में भाजपा नेताओं ने आरएसएस के एक कार्यकर्ता की जमकर धुनाई की। सूचना पाकर मौके पर पहुंची बिष्टुपुर पुलिस ने हस्तक्षेप कर मामले को शांत किया। हंगामे के बाद चुनाव प्रभारी प्रदीप वर्मा ने रायशुमारी प्रक्रिया को स्थगित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि एक-दो दिनों में नई तारीख का एलान किया जाएगा। प्रदीप वर्मा ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्वों ने रायशुमारी को बाधित करने का काम किया। बिष्टुपुर तुलसी भवन में शनिवार को रायशुमारी के लिए भाजपा नेताओं को बुलाया गया था। सुबह 11 बजे चुनाव प्रभारी प्रदीप वर्मा, विधायक शिव शंकर उरांव व गुरविंदर सिंह सेठी को तुलसी भवन पहुंचना था। निर्धारित समय से पूर्व भाजपा के कई नेता व कार्यकर्ता तुलसी भवन पहुंच गए थे। दूसरी ओर आरएसएस कार्यकर्ता भी तुलसी भवन के पहले तल्ले पर जुटने लगे। आरएसएस नेताओं ने महानगर अध्यक्ष नंदजी प्रसाद व अन्य भाजपा नेताओं को सूचित किया था कि आरएसएस से बात किए बिना रायशुमारी की प्रक्रिया शुरू न की जाए। पौने एक बजे प्रदीप वर्मा व उनके दो अन्य सहयोगी तुलसी भवन पहुंचे। आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने उन्हें तुलसी भवन के मुख्य बैठक कक्ष में प्रवेश नहीं करने दिया। इसको लेकर काफी हंगामा हुआ। भाजपा के नेता उग्र हो गए, जबकि आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने बैठक कक्ष के दरवाजे को अंदर से बंद कर रखा था। इस बीच कुछ भाजपा नेताओं ने कमरे में मौजूद आरएसएस के एक कार्यकर्ता की धुनाई कर दी। इसके बाद वहां मौजूद सभी भाजपा कार्यकर्ता उग्र हो गए और हर हाल में रायशुमारी की प्रक्रिया शुरू करने की मांग करने लगे। कुछ मिनटों के बाद प्रदीप वर्मा अपनी टीम के सदस्यों के साथ कक्ष में पहुंचे और बैठक की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी में ही थे कि दर्जन भर आरएसएस के कार्यकर्ता कक्ष में बांस-बल्ली लिए पहुंचे और कुर्सियों को तोड़ने लगे।

हुई मार-पीट

एक दर्जन से अधिक पुलिस वाले भी वहां मौजूद थे, लेकिन उन्हें भी समझ में नहीं आया कि वे आखिर करें तो क्या करें? इस बीच आरएसएस कार्यकर्ताओं व भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट भी हुई। प्रदीप वर्मा व सेठी को लेकर भाजपा कार्यकर्ता बाहर की ओर भागे, जबकि शिवशंकर उरांव बाथरूम की ओर निकल गए। आरएसएस कार्यकर्ताओं के उत्पात को देखते हुए भाजपा नेताओं का भी संयम जवाब दे गया और भाजपा कार्यकर्ताओं ने आरएसएस के कार्यकर्ताओं को खदेड़ना शुरू किया। इसी कड़ी में आरएसएस के एक कार्यकर्ता रवि को खदेड़ कर तुलसी भवन के बाहर पकड़ा गया और दर्जनों भाजपा कार्यकर्ताओं ने उसकी जमकर पिटाई की। बिष्टुपुर पुलिस ने हस्तक्षेप कर उसे बचाया और अपने कब्जे में लिया। इस घटना में राजेश सिंह, पप्पू सिंह, कल्याणी शरण समेत कई भाजपा नेताओं को चोटें आई। शाम में सूचना दी गई कि प्रदीप वर्मा अपने दोनों सहयोगियों के साथ रांची लौट गए।