-16 मई को है आदिवासियों का पारंपरिक पर्व सेंदरा

-शिकार रोकने के लिए हर तरह के उठाये जा रहे हैं कदम

-15 स्थानों पर चेकनाका बनाया गया है

-51 पदाधिकारियों के अलावा सैकड़ों वन कर्मचारी तैनात रहेंगे

JAMSHEDPUR: आदिवासियों के पारंपरिक पर्व सेंदरा के दौरान क्म् मई को किसी भी जानवर का शिकार न हो, इसके लिए दलमा जंगल पर सीसीटीवी कैमरे की नजर रहेगी। दलमा दलमा के रेंजर आरपी सिंह ने बताया कि दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में किसी भी सूरत में निरीह प्राणी की हत्या न हो, इसके लिए कई तरह के कदम उठाए गए हैं। पहली बार दलमा के मकुलाकोचा समेत अन्य स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जा रहे हैं ताकि शिकारियों पर नजर रखी जा सके। यदि कोई शिकार करते पकड़ा गया तो उसके खिलाफ वन्य प्राणी हत्या अधिनियम के तहत कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत शिकार करने वाले व्यक्ति को अधिकतम क्ख् साल की सजा तथा ख्भ् हजार रुपये का जुर्माना हो सकता है। इसके अलावा क्भ् स्थानों पर चेकनाका बनाया गया है, जहां जांच के बाद ही आदिवासी-मूलवासी को नाका से अंदर की ओर जाने दिया जाएगा। नाका पर वन पदाधिकारी नजर रखेंगे। इसके लिए भ्क् पदाधिकारियों के अलावा सैकड़ों की संख्या में वन कर्मचारी तैनात रहेंगे।

अब सांस्कृतिक पर्व

दोलमा बुरू सेंदरा समिति, गदरा के प्रधान राकेश हेंब्रम ने अपनी समिति के माध्यम से आम जनता से अपील की है कि क्म् मई को होने वाले सेंदरा महापर्व को लोग सांस्कृतिक पर्व के रूप में मनायें। इस वर्ष सेंदरा महापर्व के दौरान मुख्य रूप से पूजा-पाठ, नाच-गान व खेलकूद की प्रतियोगिताएं होंगी। हेंब्रम ने कहा कि पर्व के दौरान अपने साथ बंदूक, जाल-फांस, वन्यप्राणी को बेहोश करने की दवा आदि किसी भी सूरत में नहीं लाना है। लोग अपने पारंपरिक वेशभूषा व हथियार लेकर आ सकते हैं।

होगा सांस्कृतिक कार्यक्रम

सेंदरा पर्व के एक दिन पूर्व यानी क्भ् मई की शाम से खेलकूद का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा। इसके अलावा आदिवासियों के मनोरंजन के लिए सिंगराई नाच-गान प्रतियोगिता होगी। इसके अलावा सेंदरा बाजा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। सभी कार्यक्रम क्म् मई की सुबह तक होंगे। इसके पश्चात लोग दलमा की ओर अपने वन देवी की पूजा के लिए कूच करेंगे।