-बागबेड़ा में हैंड पंप्स लगाने और उसे डेड घोषित कर उसके पाइप बेच दिए जाते हैं

-ऐसे हैंड पंप्स भी हैं जिन्हें डेड घोषित किया गया था पर विलेजर्स ने मरम्मत करवाया तो सही हो गया

-मार्च के लास्ट वीक में 30 से ज्यादा नए हैंड पंप्स लगाए जिनमें से ज्यादातर काम नहीं कर रहे

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JAMSHEDPUR(04 April): बागबेड़ा में पानी की समस्या किस हद तक है यह हम आपको बता चुके हैं। आप यह जानकर आश्चर्य करेंगे कि जिस एरिया में लोग पानी के लिए तरस रहे हों वहां हैंड पंप्स को लगाने और उसे डेट घोषित करने का काला धंधा चल रहा है। पहले तो सार्वजनिक हैंड पंप्स लगाए जाते हैं और जब वह पानी देना बंद कर देता है (बागबेड़ा एरिया वाटर लेयर काफी नीचे रहने की वजह से अक्सर ऐसा होता है) तो पीएचईडी के ही जूनियर इंजीनियर और स्टाफ उसे डेड डिक्लेयर कर उसके पाइप को बेच डालते हैं। एक हैंड पंप के पाइप और पा‌र्ट्स को बेचने पर कम से कम क्0 हजार रुपए उन्हें मिल जाते हैं जबकि एक नए हैंड पंप के लिए सरकार 97 हजार रुपए दिए जाते हैं। हमने अपने कैमरे से कई ऐसे हैंड पंप्स को कैद किया जहां से पाइप निकाल लिया गया है।

जिसे डेट कहा वह ठीक हो गया, नया लगाया वह डेड हो गया

हैंड पंप्स लगाने के नाम पर किस तरह का खेल चल रहा है उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बागबेड़ा स्थित सोमाय झोपड़ी में आस-पास हमें दो हैंड पंप्स दिखे। वहां के लोगों ने बताया कि पहले से काम कर रहे एक हैंड पंप को पीएचईडी के लोगों ने डेड डिक्लेयर कर दिया था उसे बाद लोगों ने मरम्मत कराया तो वह ठीक हो गया। वहीं बगल में एक नया हैंड पंप डिपार्टमेंट द्वारा लगाया गया जो बंद पड़ा था। यानी हैंड पंप्स को डेड डिक्लेयर कर उसके बदले नए हैंड पंप्स लगाने का काला धंधा चल रहा है।

जब ब्भ्0 फीट पर पानी नहीं तो क्भ्0 फीट पर कैसे पानी मिलेगा

बागबेड़ा एरिया में कई घर ऐसे मिले जहां ब्भ्0 फूट बोरिंग कराने के बाद भी पानी का लेयर नहीं मिला। वहीं आस-पास हैंड पंप्स लगाए गए जो सिर्फ क्भ्0 फूट गहरा था और वे डेड पड़े थे। ऐसे में एक सवाल उठता है कि ब्भ्0 फूट पर पानी नहीं मिलने के बाद भी क्भ्0 फूट गहराई वाले हैंड पंप्स क्यों लगाए गए? क्या ये डेड डिक्लेयर करने के लिए लगाए ताकि उससे पाइप निकालकर बेच दिया जाए। हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि बागबेड़ा एरिया में 7भ्0 से ज्यादा सार्वजनिक हैंड पंप्स लगे हैं जिनमें सिर्फ भ्0 ही काम कर रहे।

सार्वजनिक हैंड पंप्स कई घरों के कैंपस में लगाए गए

सार्वजनिक हैंड पंप किसी प्राइवेट घर के कैंपस में कैसे लगाया जा सकता है। लेकिन बागबेड़ा एरिया में एक या दो नहीं बल्कि क्भ् से ज्यादा घरों में हैंड पंप्स लगाए गए हैं। लोगों ने हैंड पंप को अपने बाउंड्रीवाल के अंदर ले रखा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि पीएचईडी के ऑफिशियल्स के मिलीभगत ऐसा किया गया है। लोगों ने कुछ पैसे देकर अपने घरों में हैंड पंप्स लगवा लिए हैं।

पाइप बेचने वाली बात अगर सही है तो इसके लिए मुखिया जिम्मेवार हैं। उनको इसपर नजर रखनी चाहिए। प्राइवेट घरों में हैंड पंप्स नहीं लगाए गए हैं। अब तो मुखिया को इन बातों पर ध्यान रखना चाहिए। वे एक्टिव हों तो सब ठीक हो जाएगा।

- उदय शर्मा, जूनियर इंजीनियर पीएचईडी

कंप्लेन करें, होगी कार्रवाई

गवर्नमेंट फंड से प्राइवेट घरों में हैंड पंप लगाए जाने, पुराने हैंडपंप को डेड घोषित कर पाइप बेचे जाने जैसे सवालों को लेकर हमने पीएचईडी डिपार्टमेंट के एग्जिक्यूटिव इंजीनियर सुरेश प्रसाद से बात की। जानते हैं क्या कहा सुरेश प्रसाद ने

सवाल- बागबेड़ा में कई प्राइवेट घरों में सरकारी फंड से हैंड पंप लगाए जाने की सूचना है। इस संबंध में क्या कहना है आपका?

सुरेश प्रसाद- मुझे इस बात की जानकारी नही है। प्राइवेट घरों में चापाकल नही लगाया जा सकता है। अगर ऐसा हुआ है तो स्थानीय लोग इसकी शिकायत करें। इसकी जांच की जाएगी।

सवाल- ऐसी सूचना है की विभाग द्वारा कई चापाकलों को डेड घोषित कर उनका पाइप बेच दिया गया।

सुरेश प्रसाद- इस संबंध में मुझे कोई शिकायत नही मिली है। अगर कोई पाइप की चोरी कर रहा है तो लोगों की भी जिम्मेदारी है कि वे ऐसा करने से रोके। अगर विभाग के कर्मचारी ऐसा कर रहे हैं तो लोगों को इस संबंध में शिकायत करे। हम निश्चित ही कार्रवाई करेंगे।

इधर भी पानी को लेकर गुस्सा फूटा

मानगो डिमना रोड में पानी की समस्या को लेकर शनिवार को झारखंड विकास मोर्चा के नेताओं ने मानगो पीएचईडी कार्यालय में ताला जड़ दिया। नितेश मित्तल के नेतृत्व में झाविमो नेताओं ने पीएचईडी कार्यालय में पहुंचकर पानी की समस्या के संबंध में बात की। वहां मौजूद अधिकारियों ने कहा कि पानी की समस्या का निजात अब जुस्को की ओर से किया जाएगा। इससे नाराज नेताओं ने वहां प्रदर्शन किया और कार्यालय में ताला जड़ दिया। नेताओं ने कहा कि जब जुस्को को पानी की समस्या को देखना है तो पीएचईडी कार्यालय को बंद कर देना चाहिए। प्रदर्शन करने वालों में अजीत सिंह, बलदेव सिंह, अशोक सिन्हा, रामकृपाल समेत बस्ती के कई लोग मौजूद थे। नितेश मित्तल ने कहा कि अगर बुधवार तक पानी की समस्या दूर नहीं हुई तो दोबारा प्रदर्शन किया जाएगा।