-प्रदेश के करीब 600 दुकानों में करोड़ों की प्रतिबंधित दवाइयों की सप्लाई हो रही है

-औषधि विभाग के कोल्हान स्तरीय जांच में हुआ है खुलासा

JAMSHEDPUR: नशीली दवाइयों का गढ़ जमशेदपुर पूरे झारखंड में कब्जा जमाया हुआ है। यहां से गुवा, झुमरीतलैया, मनोहरपुर, हरहरगुट्टू, चांडिल, जगन्नाथपुर, राजनगर, जुड़ी, जागुगोड़ा, बारीगोड़ा सहित प्रदेश के करीब म्00 दुकानों में करोड़ों की प्रतिबंधित दवाइयों की सप्लाई धड़ल्ले से होती रही है। यह खुलासा औषधि विभाग के कोल्हान स्तरीय जांच में हुआ है। दरअसल, ख्9 मई को डीसी के निर्देश पर औषधि विभाग की टीम ने जुगसलाई स्थित सरायवाला डिस्ट्रीब्यूटर (थोक दवा विक्रेता) के यहां छापेमारी की थी। इस दौरान बीते पांच माह के अंदर दो लाख ब्फ् हजार ख्00 कोरेक्स सप्लाई करने का मामला सामने आया था। इसके बाद जब टीम ने डिस्ट्रीब्यूटर से लेखा-जोखा मांगा तो जवाब नहीं मिला। टीम जानना चाह रही थी कि किन-किन खुदरा दवा दुकानों को कोरेक्स की आपूर्ति की गई है। इस दौरान डिस्ट्रीब्यूटर ने करीब डेढ़ से दो घंटे तक टीम को टाल-मटौल करती रही। इसके बाद डिस्ट्रीब्यूटर ने जांच टीम को लिखित जानकारी दी कि उनके स्टॉक में कोरेक्स सिरप नहीं है। जबकि टीम ने गोदाम की जांच की तो ख्भ्0 बोतल कोरेक्स और फ्ब्ब् बोतल चैरीकॉप जब्त किया था। इसके बाद डिस्ट्रीब्यूटर ने औषधि विभाग को प्रदेश के करीब म्00 खुदरा दुकानों की बिल सौंपी थी। जब कोल्हान स्तरीय जांच शुरू हुई तो नतीजे हैरान करने वाले निकले हैं। विभाग की ओर से म्00 दुकानों को नोटिस जारी कर बिल जमा करने को कहा गया तो पता चला कि इसमें आधे से अधिक बिल फर्जी हैं। कारण कि उनके नाम से न तो दुकान है और न ही बिल और जिसके नाम से दुकान है वह भी बिल फर्जी है। यहां तक की कई दुकानों पर अलग-अलग डेट से कई बार कोरेक्स सप्लाई की बात कही गई है। वहीं दुकानदारों का कहना है कि वे कभी इतने अधिक संख्या में कोरेक्स की बोतलों की खरीदारी नहीं की है। उधर, कुछ दुकानदारों ने तो फर्जीवाड़ा का आरोप लगाते हुए डिस्ट्रीब्यूटर के खिलाफ मोर्चा भी खोल दिया है। सरायवाला डिस्ट्रीब्यूटर्स को फाइजर की ओर से रांची की सीएनएफ कंपनी कोरेक्स सिरप आपूर्ति करती है। औषधि विभाग ने फाइजर कंपनी से जानकारी मांगी थी कि सरायवाला डिस्ट्रीब्यूटर्स को पिछले माह में कितनी मात्रा में कोरेक्स सिरप आपूर्ति की गई है। कंपनी ने रिपोर्ट में कहा कि इस अवधि में सरायवाला डिस्ट्रीब्यूटर्स को दो लाख ब्फ् हजार ख्00 बोतल आपूर्ति की गई है।

बिना पर्ची के बेची जा रही प्रतिबंधित दवाइयां

शहर में पहले से ही प्रतिबंधित दवाइयां बिना किसी डॉक्टरी सलाह के धड़ल्ले से बिक्री होने की शिकायत मिलती रही है। इसकी रोकथाम के लिए विभाग की तरफ से जांच अभियान भी चलाया गया, लेकिन कोई हल नहीं निकला। जबकि स्वास्थ्य विभाग का सख्त निर्देश है कि बिना चिकित्सीय परामर्श के प्रतिबंधित दवाएं की ब्रिकी नहीं की जा सकती। इसका गलत इस्तेमाल युवा पीढ़ी कर रही है और उनकी सेहत के साथ-साथ भविष्य पर भी खतरा मंडरा रहा है। यहां तक कि इसी प्रतिबंधित नशीली दवाएं का सेवन कर युवा क्राइम भी करते हैं। बड़े शहरों और डांस बार में भी प्रतिबंधित ड्रग्स इस्तेमाल किया जा रहा है। जिससे प्रतिबंधित दवाओं का कारोबार तेजी से पैर पसार चुका है।

एक मेडिकल स्टोर के संचालक ने बताया कि युवाओं में तेजी से नशीली दवाएं का चलन बढ़ा है। कम आय वाले जो कि शराब या फिर स्मॉक नहीं खरीद सकते हैं वे प्रतिबंधित दवाइओं का इस्तेमाल करते हैं।

टीम गठित, सूचना मिलते ही होती है छापेमारी

गलत ढंग से संचालित करने वाले मेडिकल दुकानों पर कड़ी नजर रखी गई है। इसके लिए औषधि विभाग की ओर से एक गुप्त टीम भी गठित की गई है। पुख्ता सुचना मिलते ही दुकानों पर छापेमारी की जाती है। विभाग के सुत्रों के अनुसार यह टीम कहीं और किसी भी मेडिकल दुकानों पर छापेमारी कर सकती है। साकची स्थित जीवन ज्योति मेडिकल दुकान, धतकीडीह स्थित अशोक मेडिकल, रानीकुदर स्थित गुप्ता मेडिकल सहित कई दुकानों पर भी गड़बड़ी मिलने पर मामला दर्ज कराया गया है।