-हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा दी जाने वाली चिकित्सा सहायता राशि बढ़ाई गई, डेढ़ के बजाय अब मिलेंगे ढाई लाख

-अगर जरूरतमंद लोगों को योजना का लाभ नहीं मिला तो सिविल सर्जन होंगे जिम्मेदार

JAMSHEDPUR: हेल्थ डिपार्टमेंट ने असाध्य रोग पीडि़तों की मदद में इजाफा कर दिया है। पहले असाध्य रोग पीडि़तों को चिकित्सा सहायता राशि के तौर पर एक लाख भ्0 हजार रुपए की मदद मिल सकती थी। अब इस रकम को बढ़ा कर दो लाख भ्0 हजार रुपए कर दिया गया है। साथ ही अब बीपीएल परिवार के अलावा गरीबों को भी असाध्य रोग में मदद मिल सकेगी। हेल्थ डिपार्टमेंट के प्रधान सचिव के विद्यासागर ने डीसी डॉ। अमिताभ कौशल और सिविल सर्जन को लेटर भेज जानकारी दी है।

बढ़ा चिकित्सा सहायता का दायरा

पहले बीपीएल परिवार के ही असाध्य रोग पीडि़तों को मदद दी जाती थी। लेकिन, अब बीपीएल परिवार के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले क्0 हजार भ्00 रुपए तक की सालाना आमदनी वाले परिवार को असाध्य रोग चिकित्सा सहायता के दायरे में रखा गया है। इसी तरह शहरी इलाके में क्ख् हजार रुपए तक की सालाना आमदनी वाले गरीब परिवार को असाध्य रोग चिकित्सा सहायता राशि के दायरे में रखा गया है।

सिविल सर्जन होंगे जिम्मेदार

हेल्थ डिपार्टमेंट के प्रधान सचिव के विद्यासागर ने लेटर में लिखा है कि अगर योजना का लाभ असाध्य पीडि़तों को नहीं मिला, तो सिविल सर्जन जिम्मेदार होंगे। पिछले वित्तीय साल में जिलों को भ्0 करोड़ रुपए का आवंटन असाध्य रोग पीडि़तों की चिकित्सा सहायता के लिए दिया गया था। लेकिन यह रकम खर्च नहीं की जा सकी है, जबकि जिलों में असाध्य पीडि़तों की भरमार है। पूर्वी सिंहभूम की हालत तो बेहद बदतर है।

हर हफ्ते होगी योजना का होगा रिव्यू

हेल्थ डिपार्टमेंट ने योजना की समीक्षा हर हफ्ते करने को कहा है। इसके लिए एक समिति का गठन होगा। आवेदन पर जल्दी फैसला करने की बात कही गई है। अभी ज्यादातर पीडि़तों को योजना के बारे में पता नहीं है। इसलिए योजना का प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि चालू साल में रकम सरेंडर नहीं करनी पड़े।