B.Sc IT पर है खतरा
इंटर साइंस का रिजल्ट खराब होने की वजह से वोकेशनल कोर्स बीएससी आईटी में स्टूडेंट्स एडमिशन नहीं ले रहे। स्थिति यह है कि को-ऑपरेटिव कॉलेज में इस कोर्स में अभी तक एक भी एडमिशन नहीं हुआ। वर्कर्स कॉलेज में दो और ग्रेजुएट कॉलेज में बीएससी आईटी में सिर्फ एक स्टूडेंट ने इंट्रेस्ट दिखाया है। इसी तरह यूजी साइंस की बात करें तो केयू के कांस्टीट्यूएंट कॉलेजेज में किसी में भी 50 से ज्यादा एडमिशन नहीं हुए हैं।

तीन साल में साइंस के 175800 स्टूडेंट्स हो चुके हैं फेल
बीएससी में स्टूडेंट्स एडमिशन नहीं ले रहे। सवाल यह है कि स्टूडेंट्स होंगे तभी तो वे एडमिशन लेंगे। पिछले तीन सालों की बात करें तो इंटर में साइंस के 175800 स्टूडेंट्स फेल हुए हैं। इनमें, 2011 में 79173, 2012 में 56194 और 2013 में 50504 स्टूडेंट्स शामिल हैं। जैक ने इंटर के कोर्स को कंप्लीट कराने के लिए 220 दिन क्लास जरूरी माना है। यूनिवर्सिटी में साल में 180 दिन ही पढ़ाई का रूल है और इसमें भी महज 100 से 120 दिन ही क्लासेस कंडक्ट हो पाती हैं। यही वजह है कि हर साल इंटरमीडिएट के स्टूडेंट्स की यह शिकायत रहती है कि उनका सिलेबस कंप्लीट नहीं हुआ। इस बारे में जब कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन से बात की जाती है तो उनका कहना होता है कि यूजी और पीजी में ही टीचर्स की कमी है तो इंटर को कैसे पूरा समय दिया जा सकता है।

'इंटर साइंस का रिजल्ट काफी कम होने की वजह से बीएससी में एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स कम आ रहे.  पास होने वाले 38 परसेंट में कुछ बाहर गए होंगे और बाकी स्टेट में डिफरेंट कॉलेजेज में.'
-डॉ डीपी शुक्ला, प्रिंसिपल वर्कर्स कॉलेज

Report by: amit.choudhary@inext.co.in

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