-को-ऑपरेटिव कॉलेज में इंटरमीडिएट के लिए गेस्ट फैकल्टी के अप्वॉइंटमेंट पर उठा सवाल
-कंफर्मेशन के लिए भेजा गया था जैक, फाइल लौटाई गई, सब्जेक्ट वाइज स्टूडेंट्स की संख्या मांगी गई
-फरवरी में कुल 24 टीचर्स और 15 नॉन टीचिंग स्टाफ को अप्वॉइंट किया गया था
-सब्जेक्ट में स्टूडेंट्स की संख्या के एकॉर्डिग नहीं हुआ अप्वॉइंटमेंट
JAMSHEDPUR: को-ऑपरेटिव कॉलेज में तीन महीने पहले अप्वॉइंट किए गए इंटरमीडिएट के गेस्ट फैकल्टीज के अप्वॉइंटमेंट पर जैक ने सवाल उठा दिया है। टीचर्स के नाम की फाइल झारखंड एकेडमिक काउंसिल को कंफर्मेशन के लिए भेजी गई थी, जिसे काउंसिल ने लौटा दिया है। अभी तक टीचर्स को एक महीने की भी सैलरी नहीं मिली और जॉब रहेगी या नहीं यह सवाल उठ गया है। को-ऑपरेटिव कॉलेज में फरवरी में इंटरमीडिएट में ख्ब् गेस्ट फैकल्टीज अप्वॉइंट किए गए थे। अनिश्चितता को देखते हुए इंटरमीडएट के कुछ टीचर्स ने प्रिंसिपल डॉ एसएस रजी से मुलाकात की।
सब्जेक्ट में स्टूडेंट्स की संख्या का ध्यान नहीं रखा गया
को-ऑपरेटिव कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ एसएस रजी ने बताया कि गेस्ट फैकल्टी के अप्वॉइंटमेंट के कंफर्मेशन के लिए फाइल जैक को भेजी गई तो वहां से फाइल यह कहकर लौटा दी गई कि सब्जेक्ट वाइज स्टूडेंट्स की संख्या को देखकर ही टीचर्स अप्वॉइंट किए जाएंगे। कॉलेज से डिटेल मांगा गया था जिसे भेज दिया गया है।
फरवरी में अप्वॉइंट करने का क्या मतलब
फरवरी में नए गेस्ट फैकल्टीज और नॉन टीचिंग स्टाफ के अप्वॉइंटमेंट पर सवाल उठाते हुए कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ एसएस रजी ने कहा कि फरवरी में नए अप्वॉइंटमेंट्स नहीं किए जाने चाहिए थे। उनका कहना था कि नया सेशन स्टार्ट होने के बाद ही अप्वॉइंटमेंट होना चाि1हए था।
तो अब क्या होगा?
जैक द्वारा सब्जेक्ट वाइज स्टूडेंट्स की संख्या मांगे जाने का मतलब है कि सब्जेक्ट में स्टूडेंट्स की संख्या के एकॉर्डिग ही टीचर्स को अप्वॉइंट किया जाएगा। यानी जिस सब्जेक्ट में स्टूडेंट्स ज्यादा होंगे उसमें टीचर्स की संख्या भी कंपेरेटिवली ज्यादा होगा। पहले जिन्हें अप्वॉइंट किया गया है उसमें अगर स्टूडेंट्स की संख्या का ध्यान नहीं रखा गया होगा तो निश्चित ही कुछ सब्जेक्ट्स से टीचर्स की संख्या कम की जाएगी और कुछ में बढ़ाई जा सकती है। यानी अब कौन गेस्ट फैकल्टी बने रहेंगे और कौन नहीं, यह जैक के हाथ में है। नॉन टीचिंग स्टाफ की संख्या भी कम होनी लगभग तय है।
किस सब्जेक्ट में कितने टीचर्स किए गए थे अप्वॉइंट
सब्जेक्ट टीचर्स की संख्या
इकोनॉमिक्स - फ्
पॉलिटिकल साइंस - ख्
साइकोलॉजी - क्
हिस्ट्री - फ्
हिंदी - भ्
कॉमर्स - भ्
जूलॉजी - क्
बॉटनी - क्
केमिस्ट्री - क्
इंग्लिश - ख्
(गेस्ट फैकल्टीज के अलावा क्भ् नॉन टीचिंग स्टाफ को भी अप्वॉइंट किया गया था)
एक तो फरवरी में गेस्ट फैकल्टी और नॉन टीचिंग स्टाफ को अप्वॉइंट करने का कोई मतलब नहीं था। दूसरा सब्जेक्ट में स्टूडेंट्स की संख्या के आधार पर टीचर्स नहीं रखे गए। जैक ने सब्जेक्ट वाइज स्टूडेंट्स की संख्या मांगी है। आगे जो भी होगा वह जैक करेगा।
- डॉ एसएस रजी, प्रिंसिपल को-ऑपरेटिव कॉलेज