-शहीद किशन की अंतिम यात्रा में उमड़ा शहर

-दुर्गा पूजा मैदान में तिल रखने तक की जगह नहीं

-खरकई नदी के पार्वती घाट पर हुआ अंतिम संस्कार

-3 राउंड फायरिंग से दी गई जवान को अंतिम सलामी

-बीएसएफ के जवानों ने बजाया शोक धुन

-अंतिम संस्कार में नहीं आए बीएसएफ के कोई बड़े अधिकारी

-जनाजे की जुलूस की रूट की दुकानें रहीं स्वत: बंद

JAMSHEDPUR: जमशेदपुर की धरती ने जिस तरह से किशन की शहादत को कलेजे से लगाया है वह लंबे समय तक याद किया जाएगा। अपने लाल को श्रद्धांजलि देने के लिए। जाति, धर्म, सांप्रदाय सब कुछ भूल कर पूरा शहर उमड़ पड़ा। बड़े ही अकीदत के साथ शहरवासियों किशन की शहादत को सलाम कहा। यही हिंदुस्तान है। जम्मू-कश्मीर में शहीद जवान की एक झलक पाने के लिए लोग सड़कों पर उमड़े। टीएमच, शहीद किशन के घर और खरकई नदी तट पर लोगों की भीड़ जमी रही। पूरा जमशेदपुर बागबेड़ा पंचायत के कीताडीह में उमड़ पड़ा।

टीएमएच से सुबह 8 बजे लाया गया पार्थिव शरीर

भूतपूर्व सैनिक परिषद और बीएसएफ जवान शहीद किशन का पार्थिव शरीर सुबह 8 बजे लेने पहुंचे थे। सुसज्जित वाहन में पार्थिव शरीर को लेकर वाहन आहिस्ता-आहिस्ता कीताडीह की ओर आगे बढ़ रहा था। शहीद वाहन के आगे-आगे एसडीएम स्कॉर्ट कर रहे थे। उनके पीछे भूतपूर्व सैनिक परिषद के सदस्य बाइक पर चल रहे थे। तिरंगे झंडे के साथ तमाम लोग शहीद को सलामी देते हुए आगे बढ़ते गए। इस दौरान ट्रैफिक को खाली करा दिया गया था। सड़क के किनारे खड़े होकर लोग शहीद को श्रद्धांजलि देते रहे। पूरा शहर किशन की शहादत को याद करता रहा। टीएमएच से निकलने के बाद काफिला बिष्टुपुर, जुगसलाई, स्टेशन रोड होते हुए कीताडीह स्थित त्रिमूर्ति चौक पहुंचा। जहां पहले ही लोग शहीद के पार्थिव शरीर के आने की प्रतीक्षा कर रहे थे। शहीद किशन का पार्थिव शरीर पहुंचते ही लोगों को हुजूम उमड़ पड़ा। हर कोई बस एक झलक पाना चाह रहा था। इस दौरान पुलिस को क्राउड कंट्रोल करने में काफी परेशानी हुई। एसएसपी, एसपी, डीएसपी सहित तमाम पुलिस अधिकारी क्राउड मैनेजमेंट में लगे रहे।

कोई मेरे भाइर् को ला दे

जैसे ही शहीद किशन का शव कीताडीह स्थित त्रिमूर्ति चौक पहुंचा शव को देखते ही शहीद की मां जगमाया देवी, बहन लक्ष्मी, भाभी समेत तमाम परिजनों के करुण क्रंदन से हर किसी की आंखें छलछला गईं। बहन लक्ष्मी बार-बार बस यही कह रही थी कि कोई मेरे भाई को ला दो। मुझे बस मेरा भईया चाहिएलेकिन लक्ष्मी के सवालों का जवाब किसी के पास नहीं था। शहीद की मां का भी यही हाल था।

अंतिम दर्शन के लिए दुर्गापूजा मैदान में लगी भीड़

कीताडीह स्थित आवास पर अंतिम संस्कार की विधि के बाद शहीद जवान के पार्थिव शरीर को दुर्गा-पूजा मैदान में रखा गया। यहां पर कण-कण ने किशन की शहादत को सलाम किया। सभी की बस एक ही ख्वाहिश थी कि वे बस शहीद का अंतिम दर्शन कर सकें। पूरा मैदान खचाखच भरा हुआ था। जिसे जहां जगह मिली वहीं पर खड़े होकर तहे दिल से शहादत को सलाम किया। दुर्गापूजा मैदान के आसपास घरों की छतों पर, मंदिर की छत पर और सामुदायिक भवन की छतों पर पर भी तिल मात्र जगह नहीं थी।

भला ऐसी मौत कौन नहीं चाहेगा

दुर्गापूजा मैदान में शहीद किशन के अंतिम दर्शन में उमड़ी भीड़ देखकर उनके परिजनों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। भूतपूर्व सैनिक परिषद के जनरल सेक्रेटरी सुशील कुमार सिंह ने कहा कि भला ऐसी मौत कौन नहीं चाहेगा। मरते तो सभी लोग हैं। लेकिन जनाजे को कंधा देने वाला भी कोई नहीं मिलता। शहीद तो इतिहास के पन्नों में अमर हो जाते हैं। आज किशन की शहादत की चर्चा हर जुबां पर है। किशन का पार्थिव शरीर जम्मू-काश्मीर से कीताडीह लेकर आए बीएसएफ के एएसआई मोटाई सोय कहते हैं कि बहुत ही खुशनसीबों को ऐसी मौत मिलती है। नौकरी तो सभी करते हैं, लेकिन देश सेवा में अपने जीवन का बलिदान करने वाले लोग सदा के लिए अमर हो जाते हैं। आज जर्रा-जर्रा किशन को याद कर रहा है तो सिर्फ उसकी बहादुरी के लिए, देश की खातिर उसके बलिदान के लिए।

पाकिस्तान विरोधी नारे लगे

शहीद के घर, दुर्गापूजा मैदान और श्मशान घाट पर उमड़ी भीड़ ने पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए। लोगों में पड़ोसी मुल्क के प्रति जबरदस्त गुस्सा देखा गया। सबसे ज्यादा गुस्से में यूथ थे। पाकिस्तान मुर्दाबाद और पाकिस्तान होश में आओ सरीखे नारे लगाए गए। शहीद की याद में भी युवाओं ने आवाज बुलंद की। जब तक सूरज चांद रहेगा शहीद किशन तेरा नाम रहेगाकिशन तेरा यह बलिदान याद रखेगा हिंदुस्तानशहीद किशन अमर रहेजैसे नारे फिजाओं में गूंज रहे थे।

लगा श्रद्धांजलि देने वालों का तांता

किशन के घर के पीछे स्थित दुर्गा पूजा मैदान में जिला प्रशासन की ओर एक मंच बनाया गया था। किशन का पार्थिव शरीर मंच पर रखा गया। यहां सबसे पहले जिला पुलिस के जवानों ने किशन का सलामी दी। इसके बाद डीसी डॉ। अमिताभ कौशल, एसएसपी अनूप टी मैथ्यू व सिटी एसपी चंदन झा ने किशन को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद तो श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया। सीएम रघुवर दास, खाद्य आपूर्ति व संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय, सांसद विद्युत वरण महतो, विधायक रामचंद्र सहिस, भाजपा नेता रमेश हांसदा, राजकुमार सिंह, प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता व वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश कुमार शुक्ला, आजसू के कन्हैया सिंह, कांग्रेस के विजय यादव, कांग्रेस नेता अजय सिंह, कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष रवींद्र झा व उर्फ नट्टू झा, आजसू नेता चंद्रगुप्त सिंह, समाजसेवी टुनटुन सिंह, भाजपा नेता रामबाबू तिवारी सहित हजारों लोगों ने बारी-बारी से वीर शहीद किशन को श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि देने का सिलसिला करीब क्ख् बजे तक चला। इसके बाद शहीद किशन की शव यात्रा निकाली गई। इसमें हजारों लोग शामिल हुए। रास्ते पर भी हजारों लोगों की भीड़ किशन का एक झलक पाने को बेताब दिखी। हाथों में तिरंगा लेकर लोग शव यात्रा में शामिल हुए। शव यात्रा के बिष्टुपुर स्थित पार्वती घाट पहुंचे के बाद बीएसएफ के जवानों ने शहीद किशन को सलामी दी।

अंतिम यात्रा में शामिल हुए सीएम, परिजनों से भी की मुलाकात

दुर्गापूजा मैदान में रखे गए शहीद किशन के पार्थिव शरीर पर सीएम रघुवर दास ने श्रद्धासुमन अर्पित किया। शहादत को सलाम कहने सीएम करीब पौने दस बजे पहुंचे थे। इसके बाद सीएम ने शहीद के घर जाकर परिजनों से भेंट की। सीएम ने शहीद किशन के परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने शहीद के परिवार से किसी एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी, ख् लाख रुपए राजकीय सहायता और शहीद की बहन लक्ष्मी की पढ़ाई का जिम्मा उठाने की घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि किशन की शहादत को जाया नहीं होने दिया जाएगा। आतंक के पनाहगारों को भारत करारा जवाब देगा।

राजकीय सम्मान के साथ पार्वती घाट पर हुआ अंितम संस्कार

शहीद जवान किशन का अंतिम संस्कार खरकई नदी तट स्थित पार्वती घाट पर राजकीय सम्मान के साथ किया गया। बीएसएफ के जवानों ने शोक धुन बजाकर अंतिम विदाई दी। बीएसएफ के जवानों ने तीन चक्र में तीस गोलियां चलाकर किशन की शहादत को सलाम कहा। इस दौरान बीएसएफ, झारखंड पुलिस के जवान और कैडेट्स काफी संख्या में मौजूद थे।

पार्वती घाट पर उमड़ा जन सैलाब

शहीद को अंतिम सलामी देने पार्वती घाट पर जन सैलाब उमड़ा। चारों तरफ सिर्फ लोगों की भीड़ नजर आ रही थी। लोग शहादत को सलाम कह रहे थे। पार्वती घाट पर खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय, सांसद विद्युत वरण महतो, कोल्हान यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर शुक्ला मोहंती, एसएसपी अनूप टी मैथ्यू, सिटी एसपी चंदन कुमार झा, सरायकेला खरसावां एसपी इंद्रजीत महथा, सिटी डीएसपी अनिमेष नैथानी, कर्नल सौरभ शर्मा, लेफ्टीनेंट जनरल अरुण कुमार, लेफ्टिनेंट कर्नल एबी सिंह, कैप्टन दीप श्रीवास्तव सहित सैनिक कल्याण संगठन, भूतपूर्व सैनिक परिषद, एनसीसी कैडेट्स भारी संख्या में मौजूद थे।

अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों

अब तुम्हारे हवाले वतन साथियोंयूं तो सेना में भर्ती होने वाला हर देशभक्त दुश्मन के छक्के छुड़ाने और खुद सीने पर गोली खाने के जज्बे से लबरेज रहता है, लेकिन देश की सरहद पर शहादत का जाम पीने का मौका बिरले ही पाते हैं। किशन के साथ ही तैनात साथी मोटाई सोय ने बताया कि ऐसे ही खुशनसीब थे सीमा सुरक्षा बल के शहीद जवान किशन कुमार दुबे। दुश्मन की गोली लगने के बाद शरीर से आत्मा के अलग होने के वक्त किशन कुमार अपने साथियों को देश के लिए मर-मिटने का संदेश दिया। उन्होंने बताया कि वे और किशन जिस पोस्ट पर किशन तैनात थे वो क्97क् की जंग में पाकिस्तान से जीती हुई पोस्ट है।

9 जुलाई को सरहद पर शहीद हुए थे किशन

कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के बारामूला सेक्टर के करम पोस्ट पर दुश्मन की गोली से बीएसएफ के जवान किशन कुमार दुबे शहीद हुए थे। पड़ोसी मुल्क के स्नाइपर शूटरों ने किशन पर निशाना साधते हुए गोलियां चलाई थीं। क्रॉस फायरिंग में किशन को बाईं ओर आंख के ऊपरी हिस्से में गोली लगी थी। गोली लगने के कुछ देर के बाद वे शहीद हो गए थे। शहीद किशन के बीएसएफ साथियों के मुताबिक यह घटना 9 जुलाई को ख्.फ्0 बजे के आसपास हुई थी।

सोशल मीडिया में छाई रही किशन की शहादत की कहानी

जमशेदपुर सहित तमाम जगहों पर सोशल मीडिया के थ्रू किशन की शहादत की कहानी छाई रही। पिछले तीन दिनों से फेसबुक और वॉट्सएप पर किशन की शहादत की चर्चा हो रही है। शहीद जवान की तस्वीर के साथ लोग तरह तरह के कमेंट्स भी कर रहे हैं। जय हिंद, जय जवान सहित पाकिस्तान विरोधी नारों की भी वॉट्सएप और फेसबुक में चर्चा है।

किशन की शहादत पर झारखंड को गर्व है। किशन के परिवार को राज्य सरकार की ओर से दो लाख रुपये की सहायता दी जा रही है। यदि बीएसएफ किशन के परिवार के किसी सदस्य को नौकरी नहीं देती है तो झारखंड सरकार परिवार के एक सदस्य को नौकरी देगी।

-रघुवर दास, सीएम

पाकिस्तान सामने से लड़ाई नहीं जीत सकता, इसीलिए पीछे से वार कर रहा है। किशन की शहादत पर हमें गर्व है। यदि पाकिस्तान का यही रवैया रहता है तो भारत सरकार को सामने से पाकिस्तान के साथ दो-दो हाथ करना चाहिए।

-सरयू राय, मंत्री खाद्य आपूर्ति व संसदीय कार्य

जो हुआ है वो दुखद है। पाकिस्तान पीठ पीछे वार कर रहा है। एक तरफ शांति की बात करता है और दूसरी ओर गोलीबारी करता है। पाकिस्तान के खिलाफ भारत को कड़ा फैसला करना चाहिए। मैं अपने वेतन से किशन के परिवार को एक लाख रुपये की सहायता दूंगा।

-विद्युत वरण महतो, सांसद

भला ऐसी मौत कौन नहीं चाहेगा। मरते तो सभी लोग हैं। लेकिन जनाजे को कंधा देने वाला भी कोई नहीं मिलता। शहीद तो इतिहास के पन्नों में अमर हो जाते हैं। आज किशन की शहादत की चर्चा हर जुबां पर है।

-सुशील कुमार सिंह, भूतपूर्व सैनिक परिषद के जनरल सेक्रेटरी