छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : नेशनल हाइवे-33 के रांची-जमशेदपुर रुट पर होनेवाली दुर्घटनाओं में घायलों को तुरंत चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। रांची पुलिस ने इसके लिए विशेष योजना बनाई है। इसके तहत एंबुलेंस सर्विस, फ‌र्स्ट एड बॉक्स और अटेंडेंट की व्यवस्था की जा रही है। ऐसे में यह सवाल भी खड़ा होता है कि दूसरे एनएच व अन्य मार्गो से आने-जानेवाले मुसाफिरों की रोड सेफ्टी के लिए रांची पुलिस की ओर से कब कदम उठाए जाएंगे।

पहले चरण में रांची-टाटा रुट

पहले चरण में इस व्यवस्था के लिए रांची-जमशेदपुर मार्ग को चुना गया है। इस योजना के सफल होने के बाद अन्य एनएच पर भी यह सेवा शुरू की जाएगी, ताकि सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को तुरंत रिलीफ पहुंचाया जा सके। इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए रांची पुलिस ने टाटा स्टील एवं मेडिका हॉस्पिटल समेत अन्य अस्पताल के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। बैठक में इन्होंने इस योजना के लिए हरसंभव सहयोग करने का आश्वासन दिया।

ये रहेगी व्यवस्था

एनएच पर सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं। पुलिस को जब दुर्घटना की जानकारी मिलती है, तो वह घटनास्थल पर पहुंचकर घायलों को वाहन से जबतक अस्पताल लाती है तो काफी देर हो चुकी है है। ऐसे में समय पर इलाज नहीं होने से घायल की जान चली जाती है। अब घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सके, इसके लिए रांची पुलिस ने एनएच पर एंबुलेंस सेवा देने की योजना बनाई है। रांची के बुंडू, नामकुम और तमाड़ की सीमा रेखा पर एंबुलेंस मौजूद रहेगा। ऐसे में घायलों को तुरंत रिलीफ मिलेगी।

एक्सीडेंट से रिलीफ, पर नक्सलियों से कैसे?

नक्सलियों की गतिविधियों के कारण कई नेशनल हाइवे पर देर शाम के बाद से ही वाहनों का आवागमन बंद हो जाता है। खासकर नक्सली बंद के दौरान ऐसे मार्गो से गुजरना काफी खतरनाक होता है, क्योंकि नक्सली हमले की आशंका बनी रहती है। वाहन भी नक्सलियों के निशाने पर होते हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि आखिर इन एनएच पर यदि क्विक रिस्पांस शुरू भी होता है तो नक्सलियों से कैसे निपटा जाएगा?

इन एनएच का क्या होगा?

एनएच- 33 को छोड़ दें तो रांची-गुमला एनएच-33, रांची-सिमडेगा एनएच-143, रांची-चाईबासा एनएच 30 और रांची-पलामू एनएच 75 पर शाम के बाद काफी कम गाडि़यां चलती हैं। ऐसे में इस मार्गो से गुजरने के दौरान अगर कोई हादसा हो जाए तो घायलों को राहत देने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इस बाबत एसएसपी का कहना है कि जमशेदपुर-रांची मार्ग पर क्विक रिस्पांस चालू होने के बाद बाकी नेशनल हाइवे पर भी यह व्यवस्था शुरू की जाएगी।

क्विक रिस्पांस के लिए मिली हैं 8 एंबुलेंस

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रोड एक्सीडेंट में घायलों को क्विक रिस्पांस देने के लिए आठ एंबुलेंस दिए हैं । एंबुलेंस में डॉक्टर व अटेंडेंट भी मौजूद रहेंगे। एंबुलेंस पर मोबाइल नंबर भी लिखा रहेगा। इस मोबाइल नंबर पर कॉल करने पर तुरंत एंबुलेंस सर्विस उपलब्ध हो जाएगी।